बिन बोले कई मसले हुए
जो बोला तो खो दिया,
हासिल कर के क्या मिलता
इसिलिए किस्मत पे रो दिया l
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वो गहरी थी काफ़ि
पर ठेहरा वो भी था l
आदत थी इक उसकी
मुश्किल मे वो भी था l
सवाल पे लेहर सा जाता
जब चेहरे पे उसके ठेहर सा जाता l
पूछता वो उससे ,
कैसा लगता है तुम्हे ?
ये मुखडा सुंदर सा आईने मे अपना l
रुकती है कुछ पल वो ,
एक लम्बी साँस भारती है l
दिखती हूँ मै दुनियाँ को जैसी,
काश की किस्मत भी होती वैसी l
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वो गहरी थी काफ़ि
पर ठेहरा वो भी था l
आदत थी इक उसकी
मुश्किल मे वो भी था l
सवाल पे लेहर सा जाता
जब चेहरे पे उसके ठेहर सा जाता l
पूछता वो उससे ,
कैसा लगता है तुम्हे ?
ये मुखडा सुंदर सा आईने मे अपना l
रुकती है कुछ पल वो ,
एक लम्बी साँस भारती है l
दिखती हूँ मै दुनियाँ को जैसी,
काश की किस्मत भी होती वैसी l
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वो गहरी थी काफ़ि
पर ठेहरा वो भी था l
आदत थी इक उसकी
मुश्किल मे वो भी था l
सवाल पे लेहर सा जाता
जब चेहरे पे उसके ठेहर सा जाता l
पूछता वो उससे ,
कैसा लगता है तुम्हे ?
ये मुखडा सुंदर सा आईने मे अपना l
रुकती है कुछ पल वो ,
एक लम्बी साँस भारती है l
दिखती हूँ मै दुनियाँ को जैसी,
काश की किस्मत भी होती वैसी l
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