बहक सा गया हूं,
बिछड़ सा गया हूं,
तेरी उम्मीद में बिखर सा गया हूं,
तुझे पाने की चाह में तड़प सा गया हूं,
तुम्हारी कोमलता में पिघल सा गया हूं,
जज्बातों की ढेर में पलट सा गया हूं,
जिम्मेदारियों के बोझ में दब सा गया हूं,
वक़्त की मार में सिमट सा गया हूं,
मानो कठोर चट्टानों से भिड़ सा गया हूं,
बहक सा गया हूं,
बिछड़ सा गया हूं,
तेरी उम्मीद में बिखर सा गया हूं।
-