ज़ख़्म सूखा और धरा को हरा होना चाहिए
पानी आँखों से नहीं, नदियों में बहना चाहिए
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मछली भी तो पानी में कभी घुटती होगी ज़रूर!
जैसे तुम मेरी ज़िंदगी हो कर भी नहीं हो!!-
मछुआरे नहीं पूछते है
मछलियों का हाल
मछलियां पकड़ने के लिए
वो लाते है बेहतर से बेहतर चारा
और एक खूबसूरत जाल
मछुआरे पानी से कन्यादान
कराके ले जाते है
मछलियों को
लेकिन कभी नहीं मानते
पानी का उपकार...
मछलियां कभी नहीं
लौटती पानी में
लौटे भी तो कैसे
मछलियों के पांव भी तो नहीं होते।
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आग ज़मीं पर
लगती है तो
धुँआ
आसमां से
पानी कि मदद
तलब करता है
क्यों कि
धुँआ
जानता है
आग लगाने वाले
ज़मीं पर रहते है-
पानी की बूंद जब
समुन्दर में होती है
तब उसका कोई
अस्तित्व नहीं होता।
लेकिन जब वो बूँद
पत्ते पर होती है तो
मोती की तरह चमकती है।
आपको भी जीवन में
ऐसा मुकाम ही हासिल करना है।
हमेशा मोती की तरह चमको,
क्योंकि भीड़ में पहचान दब जाती है।
जय श्री कृष्णा-
एक बंजर ज़मी पर आज फिर बरसे हैं बादल
फिर भूखे बच्चे को माँ ने सिर्फ़ पानी पिलाया है।
- सुप्रिया मिश्रा
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