दोबारा इस तरह देखभाल करते हैं।
चिकित्सक से कम श्रेय पाकर भी वो पूरी तल्लीनता से अपने कर्तव्य का पालन करते हैं।
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ऐसा है तेरे इश्क़ का ज़हर
फिर भी उसी को चाहता हूँ सुबह शाम रात दोपहर-
हर ज़ख्म भर देती मां की ममता जब करती है प्यार
ठीक हो जाता यूहीं हमेशा जब करती मां मुझे दुलार
लगती मुझको जब भी चोट तो मां मलहम बन जाती
लेने नहीं देती दवा मुझको, मां मेरा दर्द ही बन जाती
कभी रोता यह बिखरता मैं , मां मुझको सवार जाती
कुछ ना कहती मुझको मां, अपनी दर्द मुझसे छुपाती
कुछ ऐसा करो जीवन में अपने, रुलाना नहीं मां को
मां ही है जन्नत यहां , कभी तुम तड़पाना नहीं मां को
ठीक ना होगे दवा से तुम, मां की दुआ साथ रहती है
मां का ही आशीर्वाद तुम्हें , हर पल जीना सिखाती है
हर ज़ख्म भर देती मां की ममता जब करती है प्यार
ठीक हो जाता यूहीं हमेशा जब करती मां मुझे दुलार-
तेरी यादें...बड़ी बारे गराँ है...
एक दवा चाहिए...इन्हें उठाने के लिए...-
हूँ मैं शक्कर और गुड़ जैसी मीठी
डायबिटीज के मरीज बनोगे तो
बोलो!!😜-
कभी झूठ ना बोलिए जिससे शक़ होए,
शक़ की कोई दवा नहीं जिसे होए पछताए,
जिसे यह रोग हो जाए सब कुछ खोए,
कोई भी उसको ना समझे आखिर मे रोए।-
"गम लिखूँ या किस्मत में दर्द की सजा लिखूँ▪▪▪▪
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सबने तो लिखी शायरी, क्यूँ ना मैं दवा लिखूँ▪▪▪▪-
बेइंतहा ग़म मिल जाता हैं जो सोचो दो पल का आराम ले
दवा कहें या जहर तुम्हीं बताओं ऐसे प्यार को क्या नाम दे-