"ये मोहब्बत भी बड़ी अजीब होती है,टूटे दिल वालों के लिये बड़ी अजीज होती है,की सो रहा है मेरा इश्क़ किसी और की बाहों में,और उसकी हर सांस मेरे दिल के करीब होती है।— % & -
"ये मोहब्बत भी बड़ी अजीब होती है,टूटे दिल वालों के लिये बड़ी अजीज होती है,की सो रहा है मेरा इश्क़ किसी और की बाहों में,और उसकी हर सांस मेरे दिल के करीब होती है।— % &
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नाम तो काँटों का ही लगेगा,यह सोच कर कई बार फूल भी चुपचाप ज़ख्म दे जाते हैl— % & -
नाम तो काँटों का ही लगेगा,यह सोच कर कई बार फूल भी चुपचाप ज़ख्म दे जाते हैl— % &
"लाज़मी है तुम मेरी पहली मुहब्बत हो, भला तुम्हें कैसे भुला पाऊँगा ?टूटे दिल ,बिखरे ख्वाब,बेहते अश्कों को समेट लेने दो, इन्हें लेकर तुमसे कहीं दूर चला जाऊंगा ।" -
"लाज़मी है तुम मेरी पहली मुहब्बत हो, भला तुम्हें कैसे भुला पाऊँगा ?टूटे दिल ,बिखरे ख्वाब,बेहते अश्कों को समेट लेने दो, इन्हें लेकर तुमसे कहीं दूर चला जाऊंगा ।"
तुम्हें बस मेरे 'जिस्म' से मोहब्बत थी, अरे! ये किस किस्म की मोहब्बत थी? -
तुम्हें बस मेरे 'जिस्म' से मोहब्बत थी, अरे! ये किस किस्म की मोहब्बत थी?
तू ना खत्म होने वाली सड़क सी 'लाड़ो'••मैं उस पर दौड़ता बे लगाम घोड़े सा••• -
तू ना खत्म होने वाली सड़क सी 'लाड़ो'••मैं उस पर दौड़ता बे लगाम घोड़े सा•••
ये 'इश्क' के धागे आसानी से टूटते क्यों नहीं,तुम ने मुझे छोड़ दिया है, तुम मुझसे छूटते क्यों नहीं? Search " #forlado" -
ये 'इश्क' के धागे आसानी से टूटते क्यों नहीं,तुम ने मुझे छोड़ दिया है, तुम मुझसे छूटते क्यों नहीं? Search " #forlado"
बदलते रहो तुम 'इश्क' कागज की तरह,मैं स्याही सा तेरी अंगुलियों में लिपट रहूंगा! -
बदलते रहो तुम 'इश्क' कागज की तरह,मैं स्याही सा तेरी अंगुलियों में लिपट रहूंगा!
मैं ज्यादा जज्बाती तो नहीं पर आंसू बेहिसाब आ गए, मेरी लंबी उम्र के लिए किसी ने व्रत रखा तो तुम याद आ गएl -
मैं ज्यादा जज्बाती तो नहीं पर आंसू बेहिसाब आ गए, मेरी लंबी उम्र के लिए किसी ने व्रत रखा तो तुम याद आ गएl
मैंने कब चाहा कि तुम मेरा नसीब बनो?मैंने तो मांगा है बस हमराह बनकर करीब रहोl -
मैंने कब चाहा कि तुम मेरा नसीब बनो?मैंने तो मांगा है बस हमराह बनकर करीब रहोl
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