खुश थे, थे जब तक कैदी झूठ के,
सच की गवाहियों ने दी है सजा जिन्हें ।-
अपनों को अपने होने की सफाई देनी पड़ती हैं
उसे उसके अज़ीज़ होने की गवाही देनी पड़ती हैं।
जो दे सकता हैं जां भी अपने हमनफ़स के लिए
उसे ही अपनी उल्फ़त में जुदाई सहनी पड़ती हैं।
इस जहां में बनाई हस्ती से ताउम्र बावस्ता रहती हैं
आँच आए जीते जी लापरवाही में मरनी पड़ती हैं।
जड़े'तहज़ीब की हो तो बरकते'फल लहलहाती हैं
चूक हुए इसमें खुद की जगहँसाई करनी पड़ती हैं।-
मांगता है वो गवाही वजूद की
ये कैसा समां है
समझ नहीं आता
दास्तां वो भी लिखते है
किरदार जिनका नज़र नहीं आता
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समय समय की यही गवाही है,
हो कुदरत का कहर या इंसानी रंजिश, खड़ा सिर्फ सिपाही है।-
याद है वो जगह
जहां हम पहली बार मिले थे
गवाही पेड़ो से ले लो..
अज़नबी थे,अकेले थे,थोड़ा नर्वस थे
गवाही सुरक्षाकर्मी से ले लो..
कुछ ही बातें हो सकी थी तुमसे
डर था कि तुम्हें कोई और ना देख ले
गवाही फूलों से ले लो...
याद है जहां हम बैठकर बात किया करते थे,
आंख मिचौली किया करते थे
गवाही उन हरी घास से ले लो..
याद है तुम्हें,हम उन राहों पे मिला करते थे
घंटो टहला करते थे,जहां तुम्हें कोई देख ना ले
गवाही डूबते हुए सूरज से ले लो..
आज तीन साल गुज़र गये,हमें यूं बिछड़े हुए
गवाही,एक-दूसरे से ले लो..
क्या करेंगे गवाही लेकर
गवाही तो होती रहेगी,
चलो,एक बार,फिर मिले...
फूल,पेड़,घास,वक्त,सूरज सबको एक साथ मिलाले,
फिर से,जीवन को यूं ही पहले की तरह जीये,
ज़िंदगी हरी नहीं, रंगीन बना डाले..
याद है वो जगह
जहां हम पहली बार मिले थे...!-
सवालों का वजूद तो अक्सर गलत ही होता हैं,
वो तो बस उनके जवाब उनके हक में गवाही दे देते हैं..!!
Sawaal ka wajood to aksar galat he hota hai, wo to bus unke jawaab unke haaq me gawahi de dete hai..!!-
मोहब्बत की गवाही तू खुद ना कर सकी..!!
गवाह बुला लिए मोहल्ले से तूने..!!
वफ़ा-बेवफा की ख़्वाइश ना थी तुझे..!!
और मोहब्बत की तबाही करा दी तूने..!!
ये दिल तेरा क्या जाने, मोहब्बत करना..!!
जब खुद से मोहब्बत की क़द्र, ना जानी तूने..!!
गवाह तो थे, मेरे भी, मोहल्ले मे..!!
पर मोहब्बत की बदनामी, करा दी तूने..!!
मोहब्बत की गवाही तू खुद ना कर सकी..!!
गवाह बुला लिए मोहल्ले से तूने..!!-
मेरे बहते हुए अश्कों के तो गवाह कई है
पर दीवारों ने भी कभी गवाही दी है भला-
रात का क्या भरोसा, ये तो चली जायेगी
अपनी मोहब्बत की गवाही, देने ये न आयेगी-
तुमने तोहमतें लगा दी बेवफ़ाई की मुझपर,
पहले अपने दिल से गवाही मांग लो,
और फिर इल्ज़ामात लगाओ मुझपर.....!-