QUOTES ON #गद्दार

#गद्दार quotes

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22 OCT 2020 AT 13:52

मज़हबों के बीच इक दीवार बन जाती है
बिक गया जो बस वही सरकार बन जाती है

ज़िन्दगी भी कुछ शरीफ़ों की तरफ़ है अबतक
आज रिश्वत खोर कल गुलज़ार बन जाती है

दिल जिसे चाहे उसी को प्यार कर ले इंसाँ
देखकर इक जिस्म ये दिलदार बन जाती है

कर रफ़ू कुछ ज़ख़्म अपने दर्द सहकर सबके
ज़ख़्म से उड़कर मक्खी गद्दार बन जाती है

चंद सिक्कों के लिए बिक क्यों रहा है 'आरिफ़'
जीत ऐसी बाद में फिर हार बन जाती है

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14 FEB 2019 AT 23:12

ये जो गर्म लहू बहा है ज़मी पर, इसे सूखने में ज़माने लगेंगे
मगर देश के कुछ गद्दार मिलकर फिर आतंकियों को बचाने लगेंगे..

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23 FEB 2019 AT 20:04

Heaven and Hell

जन्नत भी, जहन्नुम भी, रूबरू यहीँ मिले है,
फ़क़त, गुमराह करने को, कई इदारे खुले है।

ये इल्मो हक़ीक़त बताई है, जिसने भी ,'राज',
एवज़ में काफिर याँ तमग-ए-गद्दार,निकले है।

इल्मो हक़ीक़त-knowledge of truth
तमगा-medal::;इदारे-institution

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13 AUG 2020 AT 13:43

आदर्शों का खून बह रहा है
बोलो हिंदुस्तान में हिन्दू कहां है
कभी सवर्ण के नाम पर हमें भी तो आगे लाते
हम भी देश के कुछ हिस्सेदार कहलाते
सरकारी नौकरी न सही सरकार का ही हाथ बंटाते
हम तो एक गहन निद्रा में सो रहे है
जो होता है होने दे रहे है
जागेंगे जाने कब सुप्तावस्था से
माना कि हम पंथनिरपेक्ष देश में रह रहे है
तभी तो खुले आम हमपर शब्दों के हमले हो रहे हैं
हम मौन है कमजोर नहीं
देश में ही कुछ गद्दार कहीं और नहीं
पर क्या कहे उन्हें भी बोलने की पूरी आज़ादी है
पर हां वो ये न भूले हमारी कलम में भी अभी नोंक बाकी है

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23 AUG 2018 AT 23:11

देशद्रोही नारे खुलेआम लग रहे,
आखिर इन सबके रहनुमा कौन है ?
जो भारत की जयकार लगाया,
उसके लिए तो सब कल से मौन है।

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18 JUL 2020 AT 15:24

जिसे हम अपना समझते थे, वो क्या से क्या निकले,
दोस्त समझ कर हाथ दिया था, वो दोस्त के रूप में गद्दार निकले।
😈👿👿😈

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2 APR 2021 AT 11:10

अपना तो एक ही फंडा है.....
यारो से गद्दारी नहीं....
और गद्दारों से दोस्ती नहीं....

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2 FEB 2020 AT 9:04

हाथ में दे हथियार, तुम्हें हथियार बना रहे हैं।
जाग जाओ देशभक्तों, वो तुम्हें गद्दार बना रहे हैं।

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16 FEB 2019 AT 22:15

न खून से न शहादत से, न सिसकियों से संतापो से,
हिंदुस्तान सदा मात खा गया, आस्तीन के सांपों से।

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20 DEC 2019 AT 0:53

ज़िस्म गहराई में पर सतह तिरंगा हो।
हर गद्दार के कब्र पर फ़तह तिरंगा हो।

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