एक बार सभी देवताओं में बात हुई । नारद जी बोले
जो सबसे पहेले पूरी दुनिया का चक्कर लगा कर आयेगा
वो शक्तिशाली कहलाएगा । सभी देवता चक्कर लगाने चले
गये और । गणेश जी अपने माता-पिता का पैर छू कर
चक्कर लगा कर वही बैठ गये। नारद जी बोले गणेश आप
क्यों नहीं गये । तो गणेश जी ने बहुत प्यारा जवाब दिया
मेरी दुनिया मेरे पास हैं । फिर मैं
दुनिया का चक्कर क्यों लगाऊ
। गणपति बप्पा की जय हो
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गज मुख धारण स्वामी तुम संसार को चलाया करते हो
अपने दया का भाव सब पर दिखाया करते हो
कण कण में निवास करने वाले ये संसार तुम्हारा हैं
हरते हो सबका दुःख विघ्नहर्ता नाम तुम्हारा हैं
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तिलकुट का प्रसाद है खाया
गुड़पारा भी इनको बहुत ही भाया
बुद्धि विवेक के ये है दाता
शुभकारज में प्रथम स्थान है पाया
सुखकर्ता दुखहर्ता गजानन है
मंगलमूर्ति ऐसे संकट हर्ता है.
संकष्टचौथ की शुभकामनाएं 🙏
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शंकर निराला है तेरा परिवार
हिल मिल के रहते हैं सब तो तेरे द्वार
चलती वहाँ सृष्टि बस तेरे अनुसार
कोई है भक्षक तो कोई आहार
नंदी पर बैठ तू करता विहार
गौरी भी रहती संग सिंह पर सवार
मूषक की सवारी करते हैं गजानन
मोर पर विचरते हैं कार्तिक कुमार
शीश पर शशि और गंगा की धार
कंठ में है तेरे भुजंगों का हार
भस्म से करता तू अपना शृंगार
भोले निराला है तेरा परिवार-
मन आनंदित,तन सुगंधित
जन -जन उत्साह भरे
शुभ आगमन तिथि चतुर्थी
गणपति गजानन हरे हरे
@शुभी-
❤️ दिल सुकून चाहता है गजानन ❤️
❤️जो आपके बिना मुमकिन ही नही ❤️-
मिट्टी से माता ने देह रचाया
पिता ने गजानन नाम सुजाया,
प्रथम देवता कि बनी छवि मनोहारी
जय जय गजानन मंगलकारी.....-