ना खुशियां खरीदने से मिलती हैं
ना गम बेचने से बिकता है
मिलता तो वही हैं इंसान को
जो मुकद्दर में लिखा होता हैं
हमारी अधूरी कहानी-
बदनसीबी का बोझ लिए दर -दर भटकते रहे
कौन समझता मेरे दुःख को इसलिए सहते रहे
तन्हाइयों की भीड़ में खामोशियां चीखती रहीं
तड़प रहा था दिल और आंखों से आंसू बहते रहे।।
हमारी अधूरी कहानी
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थोड़ा सा इंतजार करना पड़ जाए
तो पूरा आसमान सर पर उठाते हो
झूठा वादा सनम कर के हम से
सारी रात तुम हमें क्यों रूलाते हो
खुशियों में तुम साथ मुस्कुराते हो
मुश्किल में हमें तन्हा छोड़ जाते हो
बात-बात पर लड़ाई कर के हम से
खुद को सही हमें गलत क्यों बताते हो
मोहब्बत ही की मैंने कोई गुनाह नहीं
फिर मुझे यारा क्यों इतना सताते हो
हमारी अधूरी कहानी
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चल जिन्दगी एक नया मुकाम ढूंढते हैं
कफन में लिपटी हो मेरी लाश ऐसी शाम ढूंढते हैं
चालबाजों की दुनिया में अपना गुजारा नहीं हैं
अब तो आख़िरी मंजिल सिर्फ शमशान ढूंढते हैं।।
हमारी अधूरी कहानी
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बात - बात औकात दिखाते हैं लोग
खुद को सही,सबको गलत बताते हैं लोग
चाहें किसी के लिए कोई कुछ भी कर लें
सारी अच्छाई एक पल में भूलाते हैं लोग।।
हमारी अधूरी कहानी
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आंखों से मदिरा छलका कर जुल्फों को संवारती हो
खुद चांद जैसी हो तुम फिर क्यों मेरे चहरे को निहारती हो
हमारी अधूरी कहानी-
जीवन बीत गया, उलझनों को सुलझाने में
कोई हम दर्द ना मिला इस बेरहम ज़माने में।।
जानें क्यों जिंदगी हमें बार - बार सताती हैं
खुदा ही जानें क्या लिखा है ,मेरे मुकद्दर में।।
अपनों से भी हारे और किस्मत से भी हारे
जानें क्या मजा आता है सबको हमें रूलाने में।।
टूटे साख से पत्ते की कोई कीमत नहीं होती
काम आता भी हैं तो सिर्फ जलानें में ।।
जीवन बीत गया, उलझनों को सुलझाने में
कोई हम दर्द ना मिला इस बेरहम ज़माने में ।।
हमारी अधूरी कहानी-
क्या अपना क्या पराया
झूठा सभी फ़साना हैं।।
छुपा कर दिल जख्म को
लबों पर झूठी मुस्कान
सजाना हैं ।।
हमारी अधूरी कहानी-
तुम रूठे हो तो रूठे रहो ,हम मनाने नहीं आयेंगे
तुम्हारे लौट आने के इन्तजार में हम जीवन बिताएंगे ।।
हमारी अधूरी कहानी-