Tulika Garg   (Tulika)
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Joined 10 April 2019


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Joined 10 April 2019
24 JUL AT 22:44

चुक जाते जब कर्मों के ऋण

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18 MAY AT 22:46

अड़ियल सी थोड़ी ढीठ है,
हां जीवन की यही रीत है..

कभी है गम ,कभी जीत है,
हां दिल में बसे कुछ गीत है ..

बिसरी यादों की मनमीत है
हां तुमसे जुड़ी कोई प्रीत है..

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27 APR AT 22:53


बेफिक्री से बैठे न जाने, कितने लम्हे बीते है

आज चल अकेले
कुछ किस्से, कुछ कहानियां फिर से जीते हैं..

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2 APR AT 9:32

खामोशियों को देकर आवाज
चलो बैठे हम आज साथ
गहरी पसरी आंखों में
देखें खुलते हैं कितने राज...

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14 MAR AT 21:07

लागे चोखा न कोई दंभ

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12 MAR AT 0:56

बिन मिले ही हुआ प्रेम आभास
बोलती आंखें जैसे कुछ एहसास
शब्दों की छुअन और अल्फाज़
न जाने कब बन गई मेरी खास..


हां अपनी सी लगती हो ...

जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं 🌷🌷


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2 MAR AT 0:28


निवास ,नगरी और नुक्कड़
छूट ही जाते हैं ..

तज़ुर्बे , तरक्की और तूलिका
फिर बन ही जाते हैं ..

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1 FEB AT 20:53

बनिया का हिसाब,
होता उसका दिमाग
कोई पढ़ न सका,
नहीं है ऐसी कोई किताब ..



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28 JAN AT 21:09

तुम - कभी तो खा लिया करो अपने मन का भी ..
मैं - हां रखा तो हुआ है कल का भी ..









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27 JAN AT 23:02

बेआबरू पे तुला है ..








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