प्यार से ढका जाना चाहिए
ठीक वैसे ही
जैसे ढक देता है आसमान
धरती को
पर धरा का वजूद
जस का तस वहीं क़ायम
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हम सभी को नीला आसमाँ होना होगा
बिना किसी का आसमाँ छीने..-
जैंसे बिन पंछी के
घोंसला अधूरा सा लगता है
वैंसे ही अगर दिल में दया न हो
तो सोने का दिल भी छोटा सा लगता है-
रात के अंधेरों में,
अपने जुगनू ले कर चलें।
आसमान के तारों में,
अपने जुगनू ले कर चलें।
महफ़िल में ग़ैरों के,
अपने जुगनू ले कर चलें।
निकलें अनन्त यात्रा पे,
अपने जुगनू ले कर चलें।
बनने को मर्ज़ी का मालिक,
अपने जुगनू ले कर चलें।
निकलें जब भी घर से,
अपने जुगनू ले कर चलें।
-राकेश"साफिर"✍️
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तेरे मृगनयनों ने
दिल को घायल किया इस क़दर।
ना जमीं का कुछ पता है मुझे
ना आसमाँ की है कोई ख़बर।
#Suhanisingh
27-2-2020
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दरियादिली का वो क्या, खूब था नज़ारा
पर काट के वे बोलें ये आसमां तुम्हारा
Dariya dili ka vo kya khoob tha nazara
Per kat ke ve bole ye Asma tumhara-
कभी गाँव आती हूँ तो
हर शाम छत पर जाकर
ढलते सूरज की सुंदरता में डूबे
आसमान की ढेरों तस्वीर
कैद करती हूँ,
शहर जाने पर
हर रोज निहारती हूँ
तस्वीर में बंद खुले आसमान को
ऊँची इमारतों में बैठे
एक छोटे से कमरे में।-
अनसुनी फ़रियादें समेटे हुआ आसमान तेरा
कभी बरसे मेरे शहर में तो दुआ क़ुबूल हो।।-
ग़र ज़मी ज़िन्दा है तो
क्या आसमान मरा है
या
ग़र आसमान ख़ाली है
फ़िर ज़मी में क्या भरा है-
मैं किसान हूँ
आसमान में धान बो रहा हूँ
कुछ लोग कह रहे हैं
कि पगले ! आसमान में धान नहीं जमा करता
मैं कहता हूँ पगले !
अगर ज़मीन पर भगवान जम सकता है
तो आसमान में धान भी जम सकता है
और अब तो दोनों में से कोई एक होकर रहेगा
या तो ज़मीन से भगवान उखड़ेगा
या आसमान में धान जमेगा।-
ख़्वाबों के परिंदे आसमान छूने निकले थे अनजानों की पनाह में,
अपनों के ईर्ष्या के पतंग पंख काटने ना आते तो क्या वो अपने कहलाते।
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