वो जालीम नया फित्ना लेके आया है
केहता हैं मुहोब्बतमे वफा जरुरी नही-
4 JAN 2021 AT 13:11
2 JAN 2021 AT 14:07
यह सर्दी का मौसम और ठण्ड ढेर सारा
ऐसे मौसम में दिल होता है फ़ित्ना ढेर सारा-
2 JAN 2021 AT 10:47
ना छेड़ो मुझे ना फ़ित्ना जगाओ
बहुत रंज दिल है इसे ना सताओ-
2 JAN 2021 AT 16:19
In fitna-garo.n ne mujhe ghere mein le rkha hai...
Khud ko inse bchau to ab bchau kaise...!!
इन फ़ित्ना-गरों ने मुझे घेरे में ले रखा है...
खुद को इनसे बचाऊ तो अब बचाऊं कैसे...!!-
3 JAN 2021 AT 16:09
फितनागरी से कभी किसी का भला हो सकता नहीं
इंसान तबाह तो हो सकता है मगर किसी का बन सकता नहीं-
2 JAN 2021 AT 14:07
फ़ित्ना-फ़साद करते हैं जो मजहब का नाम लेकर ,
ऐसे लोगों का हक़ीक़त में कोई धर्म ही नहीं होता ।
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