लफ्ज़ ख़मोश रहें रूहों को बात करने दे
तेरी आग़ोशमे आकर सुकूँ की सांस लेने दे-
Taufique Ali Khan Mokashi
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Joined 7 July 2020
11 HOURS AGO
YESTERDAY AT 10:40
मेरें हक़ मे मुफ़ीद दवा भी तू और दुआ भी तू
तेरी मेहफ़िल से रिहाई किसी सजा से कम नहीं-
YESTERDAY AT 2:43
मुझे चिलमनसे देखकर मुस्कुराने वाले
तोड़कर सारी हदें मुझे सिनेसे लगाले-
YESTERDAY AT 2:35
सुना हैं वो बड़ा रेहम करने वाला हैं
इंतिज़ार रहेगा मग़र मेरी बारी का-
YESTERDAY AT 2:18
मुहोब्बत मे फ़ासलें मायने नहीं रख़ते मग़र
दिलसे दिल तक़ की दुरी को नापाजाए-
YESTERDAY AT 2:09
जन्नत के मुताल्लिक़ मैं क्या कहूँ
प्यार करने वालों की बस्ती हैं शायद-
20 SEP AT 12:07
मेरी राहों मे काँटों को बिछाने वाले
मेरे अपने है मेरी कश्ती को डुबाने वाले-
19 SEP AT 1:17
बंद लोचनांनी स्वप्न तुझे पाहते
पिजुन रात्र सारी तुला पाहते
श्वासात माझ्या जरी गंध तुझा
तुझ्या सवाली ची दृष्ट काढ़ते-
19 SEP AT 1:07
माना की मुफ़्लिसि से हैं मरासिम मेरे
इमान की दौलत से नहीं मेहरुम मगर-
18 SEP AT 23:24
ग़मों का हिसाब नहीं के बेहिसाब हैं मगर
ख़ुशी के लीफ़ाफ़े चाहिए इन्हे रखनें के लिए-