Shreeraj Menon   (Raj)
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Joined 7 November 2020


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Joined 7 November 2020
YESTERDAY AT 18:13

दौलत नहीं शोहरत नहीं, और किसी की मोहब्बत नहीं
यूँही तन्हा बीत गई ज़िन्दगी, और दिल में कोई चाहत नहीं

महफ़िल सजी है धनवानों की, जहाँ अपना कोई कीमत नहीं
बस चलता रहा मैं मुसाफ़िर, किसी से कोई शिकायत नहीं

चाहा एक नज़र मोहब्बत की
पर खुदा की कोई रहमत नहीं
ये दिल टूटकर बिखर सा गया
जब उसने कहा सहमत नहीं

यहाँ उल्फ़त की अगर बात करें
दिल पर वार पर भगावत नहीं
इस बात का तो इल्म था राजू
यहाँ मौत से कोई सलामत नहीं

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25 APR AT 20:25

जब तक चलती है
ठंडी हवा फिज़ाओ में
मोहब्बत होती है
आब-ए-रावाँ जैसे कहाँ।

ज़िन्दगी गुलाम है
उल्फ़त की चाह में यारा
बस बहने दो जब तक
ख़त्म न हो ये जाहां।।

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22 APR AT 12:57

जब से देखा कलम ने कविता को
दिल मचल उठा यारा लिखने को
ग़र मिल जाता काग़ज़ कहीं पर
लिखते दिल के सारे अरमानों को

नाच उठता ये दिल उस संगीत पर
जिसे चाहा था मैंने कभी गाने को
अब ना तो सुर है ना ताल है यारा
जी रहा हूँ कहने उन अफसानों को

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21 APR AT 21:01

रूठने पर मनाने वाला मिलेगा न और कोई
देख गुलिस्ताँ में दूजा गुल खिलेगा न और कोई

इश्क़ की इस समुन्दर में खुशियों की ही नाव है
उल्फ़त के पतवार नहीं तो चलेगा न और कोई

कोई देखें या फ़िर ना जाने हमको क्या करना है
यहाँ मोहब्बत की आग जैसे फैलेगा न और कोई


कोई रूठ जाए या फ़िर ये दुनिया कुछ भी कहे
जब मैं हूँ साथ तेरे इज़्ज़त से खेलेगा न और कोई

इस दिल से कहे इक बात को ज़रा सा समझ लो
मुझसा आशिक दुनिया में फलेगा न और कोई

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21 APR AT 20:34

तन्हाई का आलम है यारा
देख तुझे पुकारे ये दिल मेरा
इंतज़ार कर थक गया हूँ मैं अब
और मेरा सब्र टूट गया सारा

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21 APR AT 20:15

ये दिल हार कर भी कभी हारा नहीं
किसी और की बांहों में गवारा नहीं

लड़ता था तन्हा उस तन्हाई से यारा
देख लो ज़रा यहाँ कोई सहारा नहीं

तुम चाहो तो मेरा दिल चीर के देखो
इश्क़ का समुन्दर हूँ मैं किनारा नहीं

तेरी उल्फ़त में यूँही भटकता रहा मैं
पर तेरी आवाज़ ने कभी पुकारा नहीं

इज़हार कर इंतज़ार करता रहा राजू
मैं प्रेम हूँ तुम्हारा, कोई आवारा नहीं

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21 APR AT 15:08

महफ़िल-ए-इश्क़ में कहना है इक बात
शब-ए-वस्ल में यारा सिर्फ़ हो तेरा साथ

उस मजलिस में जब से हुआ मुलाक़ात
चाँदनी की चादर ओढे बीत गए हर रात

इक़रार कर तुमने यूँ किए होते शुरुआत
इज़हार करके मोहब्बत, लाता मैं बारात

आती पास मेरे लेकर प्यार की सौगात
जग देखते सरेआम थामता मैं तेरे हाथ

दिल में हो रहा है तेरे चाहत की बरसात
डर लगता है कहीं ना हो जाए आघात

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20 APR AT 23:05

The fire within us
Ignites tremendous
To become glorious
And to reach the nexus

Let's not be nervous
Sing a song in chorus
To become a genius
Let's make it melodious

Do not lose the focus
People will be jealous
And always be envious
To leave you furious

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20 APR AT 21:22

बहारों में यारा अब वो दम नहीं
हम थे किसी से कभी कम नहीं

पतझड़ की सूखे पत्ते की तरह
गुज़रा ज़माना जहाँ पर हम नहीं

उम्मीद था जिससे कुछ पाने की
उसने ना दिया, हमको ग़म नहीं

कोई और मेहरबान था मुझपर
चलो इस का हम को इल्म नहीं

इक इंसान हूँ मैं भी यहाँ पर यारों
चल रहा जंग का एटम बम नहीं

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20 APR AT 18:59

बहारों में यारा अब वो दम नहीं
हम थे किसी से कभी कम नहीं
पतझड़ की सूखे पत्ते की तरह
गुज़रा ज़माना जहाँ पर हम नहीं

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