सुनो लौटा दो मेरा वो गुज़रा वक्त,जो गुज़रा था तेरे संग
लौटा दो वो मेरे प्यार की मस्तियां
वो प्यार से खेली गई,बारिश में नाव की कश्तियां,
लौटा दो मुझे मेरा वो तुझसे मिलने का बहाना..
वो दोस्तों की शादी,जहाँ हुई थी अपनी मोहब्बत की बर्बादी,
लौटा दो मुझे वो मेरे कॉलेज की जवानी,
जहाँ होती थी मेरी दीवानी,परियों की रवानी, अपनी मोहब्बत की कहानी,
लौटा दो मुझे मेरा वो गुज़रा वक्त,जो गुज़रा था तेरे संग...
याद आती है वो कॉलेज के नुक्कड़ वाले की पानी की टिक्की,
वो तेरा मेरे साथ बेधड़क, बेपरवाह हो कर घूमना,
वो ज़िन्दगी को जीने का अलग ही फ़साना,
वो कॉलेज की मोहब्बत, वो दोस्ती, वो प्यार का तराना
वो तेरे संग सड़के हज़ार नापना,
लौटा दो मुझे मेरा वो गुज़रा वक्त,जो गुज़रा था तेरे संग...
लौटा दो मुझे मेरे सुबह का वो अहसास,शाम को बहकते मेरे जज़्बात
जहां तेरे होने से खुलती थी मेरी आँखें,
तेरे जाने से होती थी मेरी रातें,
लौटा दो मुझे मेरा वो गुज़रा वक्त,जो गुज़रा था तेरे संग...
जहां खुश होने के लिए न ढूंढ़ना पड़े बहाना,
जहां ज़िन्दगी को जीने का अलग ही था फ़साना,
लौटा दो मुझे मेरा वो गुज़रा वक्त,जो गुज़रा था तेरे संग...
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