सूर्य देव को जल अर्पण करने से, सूर्य देव हमेशा उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं,
जल चढ़ाने से मन एकाग्रचित्त होता है जिससे सीखने की क्षमता बढ़ती है,
ऐसे व्यक्ति जटिल समस्याओं के समाधान सरलता से करते हैं,
इसीलिए वह सत्य कहने से कभी नहीं डरते हैं।
यह आभा उनके मुख से झलकती है,
उनके अंदर अच्छे कार्य करने की आग हमेशा जलती है।
समृद्धि का है यह कहना , हर रविवार को सूर्य नमस्कार दिल से करते रहना।-
यदि बनना है निडर और विद्वान,
तो करो रविवार को भास्कर का ध्यान।
मार्तण्ड की आराधना यदि हम करते हैं, तो दिनकर मनुष्य में मधुर वाणी और अच्छे विचारों को उजागर कर, जीवन से बुरे विचारों को दूर करते है।
समृद्धि का यही है कहना,
कि रविवार को 'ॐ सूर्याय नमः' कहकर जल अर्पित करते रहना।-
कला कौशल ज़रूरी है, तन-मन से मेहनत भी ज़रूरी है।
अपनी मातृभूमि अपने देश के लिए समर्पण भी ज़रूरी है।
निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र के लिए लिप्त जीवन भी ज़रूरी है।
जो अपने है उनके लिए मन में एक "तर्पन" भी ज़रुरी है।
कोई भी दिक्कत जब भी आए ख़ुद को आइना दिखाने
मन मंदिर के कपाट खोलकर यथार्थ दर्पण भी ज़रूरी है।
किसी भी विधा में होना एक दूसरे को ज्ञान भी ज़रूरी है।
अपने साथ औरों की कृति का मन में सम्मान भी ज़रूरी है।
किसी क्षेत्र में दक्ष होने पर औरों को भी सिखाना चाहिए।
अपने ही जैसे सब को भी आपको पारंगत बनाना चाहिए।
अपनी जेब भर जाने के बाद देश का कोषागार भरना चाहिए।
अपनी इच्छापूर्ति हो जाने के बाद औरों की भी करनी चाहिए।
स्वयांनुसार सब ठीक ही होते हैं हमें बस बताना चाहिए।
कोई अपनी ग़लती नहीं मानता है, जतलाने आना चाहिए।
जीवन के वर्तमान अनुभव से मैंने इतना जाना है "अभि"।
ज़रूरी नहीं हरबार हर व्यक्ति से हमें लड़के जीतना चाहिए।-
शुभ घड़ी है आई,
ऋतु लेने को अँगड़ाई,
है तिमिर घट रहा अँधकार का,
बढ़ती दिन-दिन उर्जा-परछाई।
हैं सूर्य देव अजी आए,
इस भारतवर्ष की ओरा..
देवों के दिन अब शुरू भए,
मिटता घंघोर अँधेरा....
खिचड़ी की पावन बेला,
दहिया और लाई खाई..
जप, तप कर दान, स्नान
और तर्पण की है यह महिमाई।
चेतनता देने वाले रवि..
श्री पूजनीय का दिन यह,
वृक्षों से लेकर हर जीव-जन्तु,
खातिर जो करता करुणाई।
जिस दिन श्री पितामह भीष्म ने,
मरने की हठ को अपनी पूरी कर पाई,
श्री देव शनि बालक से, ख़ुद स्वयं
तात भास्कर मिलने को जाई।
उस दिन की मधुर बेला को,
इस शुभ अवसर की बधाई।-
सूर्यदेव तथा देवी षष्ठी के पावन पर्व
छठ पूजा की आपको ढेर सारी
शुभकामनाएं और बधाई !!
💐💐💐🙏🙏💐💐💐-
तिल गुड़ की खुशबू लाई है
सूर्य देव उत्तरायण हुए और
नव वर्ष की किरणें छाई हैं
पतंग बन कर हमारी उम्मीदें
नीले आकाश पर लहराई हैं
नई-नई फसल की आवक ने
खेतों में हरियाली बिखराई है
उज्ज्वल रहे ये वर्ष सभी का
सूर्य देव को अर्जी लगाई है।
जया सिंह 🌺-
दो दिन की दूरी में ,(बारिश में)
हम बुझ से गए ...!☹️
उनका नूर और भी ,
निखर आया सागर!
आज बड़े रंगीन अंदाज़ बिखरा रहे हैं !
सूर्य देव !
हर कली हर फूल की रौनक़ बने हुए हैं!!-
एक बच्चे ने बड़ी मासूमियत से कहा,
अपने भगवान को देखा है?
मैंने कहा हाँ देखा है।
बच्चे ने पूछा कहां?
मैंने कहा जो!
रोज खुद जलकर हमें जीवन का दान देते हैं।
वही तो है हमारे प्रत्यक्ष देव श्री सूर्यनारायण।
🙏🏻🙏🏻-
🍁 TWENTY NINE पहेलिकाव्य - 29🍁
"एक लक्ष्य था भेदी सप्त
भेद दिये छः द्वार थे सप्त
केंद्र बिंदु में था निःशस्त्र
अधम शत्रु थे परिधि शप्त
साहस अदम्य कौशल अदम्य
था कोख से अधिगम अदम्य
लड़ भिड़ गया सेना अदम्य
और बन गया पर्याय अदम्य
लघु आयु सोलह बरस की
ना आह अरि दल ने भी की
माता बहन रणछोड़ की
पर पथ अड़ा गति वीर की !! "
इस ⭐ पहेली -29 ⭐ का उत्तर comments में दें 👍
(पिछली पहेलिका - 28, "प्रज्ज्वलित संसार कोे....... . बाप दिल जैसा खुमार", का उत्तर एवम् विश्लेषण कैप्शन में देखें )-