काव्यकेशव   (बन्धु🍁)
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Joined 21 March 2019


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Joined 21 March 2019

भंग उमंग तरंग फागुनी
ढोल मृदंग बिहाग रागिनी 
नीले पीले हरे जामुनी
बिखरे रंग गगन तल में
होली के पावन पल में 

जले द्वेष दुर्भाव चिता में
शुद्ध हृदय मन भाव सखामय
भीगे देह मनःअंतस्थल
धरती के नव प्रांगण में 
होली के पावन पल में

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The green belt

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चिताभस्म शिव लेप तुम्हारे
भाते तुमको भांग गरल
हिम पर्वत शमशान भ्रमण पथ
सज्जा अहि शशि सरि-अविरल

अहंकार मद मोह न माया
वट सम दिव्य अलौकिक काया
निश्छल मनःस्वरूप सरल
तत्पर जगहित शुभ मंगल

महाकाल आग्नेय त्रिलोचन
नटराजन डम डमरू गर्जन
डांवाडोल जगत हलचल
आंदोलित हो नभ जल थल

हे शंकर हे अवढर दानी
कृपा करो महादेव भवानी
कष्ट हरो हों काज सुफल
पावन हो मन अंतस्तल 🙏

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Photo Framed

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बोले तो खेल तो फुटबॉल ही रहे थे 🙅
लेकिन हेडर गिल्ली का लग गया 🤕

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सुंदरता कहीं भी चुन लो 🍁

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तैरने की ख्वाहिश तो अच्छी बात है
पानी में उतरे बिना तैरा नही जाता

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31 DEC 2023 AT 22:22

❇️🌷 शुभम् कुरु गणपति गणनायक 🌷❇️
❇️🌷 भव   नववर्ष   प्रहर्ष   प्रदायक 🌷❇️
❇️🌷 साधन   साध्य   साधना  प्रेरक 🌷❇️
❇️🌷 उन्नति  पथ   उन्मुख  उत्प्रेरक 🌷❇️
❇️🌷 विषय  विषाद विकार निवारक 🌷❇️
❇️🌷 स्वास्थ्य सिद्धि सत्संग विचारक🌷❇️
❇️🌷 प्रकृति प्रकृति हो परम पवीत 🌷❇️
❇️🌷 विसरित  चहुँ  दिस सुर  संगीत 🌷❇️
❇️🌷 शुभ-आगमन  नया  शुभ  साल 🌷❇️
❇️🌷 शुभ मंगल  सब  हो  खुशहाल 🌷❇️

❇️❤️ नूतन वर्ष 2024 मंगलमय हो ❤️❇️
🌷🍁संजय गुप्त🍁🌷

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12 NOV 2023 AT 23:23

दीप वही जो रौशन कर दे
जीवन में औरों के भी
हर्ष रश्मि का प्रसरण करते
अल्प आयु बीते यूँ ही

🔅🔆🔅🔆🔅🔆🔅
🍁शुभ दीपावली 🍁
🔅🔆🔅🔆🔅🔆🔅

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24 OCT 2023 AT 22:13

डल शिकारे बत्तखें
दल कमल जल पत्तलें
कशिश-ए-कहवा क्या कहें
'ये कश्मीर है'

बोट-हाउस की हिलोर
है प्रकृति देखो जिस ओर
शाम सी दोपहर है
'ये कश्मीर है'

देवदारु से ढके 
हिमनगो की ओट में
बस्तियां चीनार की
'ये कश्मीर है'

सेब की मीठास है
विरल केसर वास है
सब ही कुछ तो खास है
'ये कश्मीर है'

झील में जो है उथल
शांत हो सरसी का जल
प्रेम प्रमुदित हो कमल
'तो कश्मीर है'

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