To be continue...
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समय समय की यही गवाही है,
हो कुदरत का कहर या इंसानी रंजिश, खड़ा सिर्फ सिपाही है।-
(लो)
शहीदी चली है संग जवान🌹
प्राण से बढ़के वतन की आन
छलके नैन पर देश न रोया🌹
ये कफन स्वंम कथित प्रमाण-
आज कर लेे हिन्दुस्तानी होने का अभिमान
कल तक सच्चाई जाएगा तू जान
तेरे अन्दर का हिन्दुस्तानी जो जिंदा है
क्या तेरा खून नहीं खौलता है
तू क्यों विदेशी संस्कृति अपना रहा है
क्यों भगवान को god बुला रहा है
क्या वाकई रामायण महाभारत से
पहचान तेरी अब तक हुई
क्या वेदों को तूने जाना है
यदि सच में दिल से हिंदुस्तान को अपना माना है
सरहद पर कितने सिपाही
सर्दी गर्मी सब सहते है
तब जाकर हम चैन से सोते है
फिर भी शिकायते लाखों हमें देश से है
अपने प्रधान मंत्री के भगवा वेश से है
क्यों एक दिन में इंडिया का नक्शा बदल नहीं देते
अरे साहेब पहले आप खुद क्यों नहीं सुधरते-
जवानी गुजरने वाली है ,ढूंढ रहे सब तुमको पिया
अब तो घर अा जाओ, इस तन्हाई में कहां हो पिया
आला अफसर बोले, तुम चार साल से हो लापता पिया
दर दर भटके तलाश में तेरी गांव की गोरी कहां अटकी है तेरी माया
मौसम बदले, बदली मेरी काया , तरसे नैन ढूंढे तेरी काया
कहां हो पिया ,अब तो घर अा जा ढूंढ रही तेरी छाया.........
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वनिता की ममता न हुई, सुत का न मुझे कुछ छोह हुआ,
ख्याति, सुयश, सम्मान, विभव का, त्यों ही, कभी न मोह हुआ।
जीवन की क्या चहल-पहल है, इसे न मैने पहचाना,
सेनापति के एक इशारे पर मिटना केवल जाना॥
"राम धारी सिंह (दिनकर)"
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ये वतन,ये देश ,ये मिट्टी
सलामत हैं सभी....
देश के सिपाही की मुट्ठी में।-
मैं भूखा शेर हूं...
आतंक
और
आतंकियों का
खून पीने को सज्ज हूं।
मैं भारत का वीर सिपाही हूं।-
सफ़ेद रंग अोडकर जो दुनिया को
छोड़कर जाए वो केवल इंसान कहलाता है
तीन रंगों में लिपटकर जो दुनिया को
छोड़कर जाए वो इंसान माँ भारती का
वीर पुत्र फौजी कहलाता है !!
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