QUOTES ON #सिनेमा

#सिनेमा quotes

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5 MAR 2020 AT 21:36

हर कोई लगाए मुखौटा है
दिखावटी कुछ और
बनावटी कुछ और
सजावटी कुछ और
जबकि रियलटी हैं कुछ ही और
सब मोहमाया से भरा जाल हैं ।

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30 SEP 2019 AT 18:55

150 साल के गांधी: सिनेमा और गांधी का द्वंद्व

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24 DEC 2019 AT 17:29



हम सब भी यहाँ केवल एक सिनेमा हैं।
दुनियाँ में एक तय वक्त के ही रहनुमा हैं।

तेरा वक्त के साथ ही किरदार डूब जायेगा।
फिर तस्वीरों की तरह हम यहाँ बेज़ुबाँ हैं।

झूठ हैं सब दृश्य यह बात सबको है पता।
फिर भी क्यों सब झूठ में ही खुशनुमा हैं।

खेल भी तेरी ज़िंदगी का रील में ही कैद है।
टूटजाये रील तो कुछ यहाँ बचता कहाँ है।

खत्म होते खेल के सब भूल जायेंगे तुझे।
तन्हा तुझे जाना पड़ेगा तेरा यहाँ कोई कहाँ है।

हम सब भी यहाँ केवल एक सिनेमा हैं।
दुनियाँ में एक तय वक्त के ही रहनुमा हैं।

प्रधुम्न प्रकाश शुक्ला।






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2 JUN 2020 AT 0:56

शराब इश्क की पी जाए तो नशा होता है।
दर्द होता है सीने में मगर गुमा होता है।।

करता है जब वो बात तो दिल मचले है मेरा।
जब मै बहक जाऊ तो फिर क्यों खफा होता है।।

दुनिया की मुझसे बात वो करता है यूं अक्सर।
बात दिल की हो तो चूल्हे पे कुछ चढा होता है।।

आशिक तो दिखते हैं यूं नुक्कड़ पे कई अक्सर।
जो देख ले हम को तो फिर वो खफा होता है।।

रख दिया था खत चुपके से उसकी किताब में।
शरमाता है हमसे पर बातो में ज़लज़ला होता है।।

हाथ दब गया था उसका सिनेमा में इक दिन।
वो दिन है कि मिजाज़ यार का जुदा होता है।।

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24 DEC 2019 AT 17:18

बिलकुल जि़न्दगी हमारी सिनेमा सी है। हर पल बदलती तस्वीरें हैं।सिनेमा के पर्दे पर सिनेमा का डायरेक्टर इन्सान है।हमारे जिन्दगी का डायरेक्टर कभी ईश्वर तो कभी हम खुद हैं।अभिनय करना भी कहाँ आसान है। हम सीधे साधे लोगों के लिए सच्चे दिल से किरदार निभाने वालों के लिए यहाँ जि़न्दगी रूपी सिनेमा बहुत मुश्किल है।

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ये दुनियाँ बस रंगमंच है, जहाँ सब अपना नाटक खेल रहें हैं।
हम सब एक सिनेमा हैं पर, नही खुद का करतब देख रहें हैं।।

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24 DEC 2019 AT 15:51

है कवायद कैसी जाने ये कैसा दौर है?
छोटी-बड़ी हर सुख-दुख को,
सोशल मीडिया में पोस्ट कर,
अपने चरित्र को जिंदा रखने की लगी हुई होड़ है|

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24 DEC 2019 AT 21:50

किरदारों का खेमा हैं
बदलते रहते किरदार हमारे
कभी धर्मेंद्र कभी हेमा हैं

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हम सब उस एक सिनेमा की तरहा हैं दोस्तों,

इंटरवल में भी फ़िल्म बदल जाती हो जिसमें..

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24 DEC 2019 AT 16:38

ज़िन्दगी एक सिनेमा है
यह सच तो है हम सब सिनेमा है
हमलोग तो कठपूतली है
लोगों के इशारों में नाचते है
कभी बेहन के किरदार में
कभी प्रेमिका के किरदार में
कभी बीबी के किरदार में
कभी बहू के किरदार में
कभी बेटी के किरदार में
कभी दोस्त के किरदार
हर समय कोई न कोई रोल
बड़े शिद्दत से निभाते है
अपनी खुशी की परवाह नहीं करते हुए
सब को खुश करते है

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