Suravi Gupta   (सुरभि भदानी)
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Joined 21 November 2018


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YESTERDAY AT 13:55

पढ़ते पढ़ते उसके ख्यालों में डूब जाना भी इश्क है,
उसको याद करके मुस्कुराना भी इश्क है,
खुद ही में अब ढूंढती हूँ उसको,
मेरी परछाईं में उसकी छवी आना भी इश्क है।

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20 MAY AT 13:37

और फिर जब उसको मेरा ख्याल आयेगा,
मैं आशा करती हूँ,
कि मेरे विदा होने का वक़्त आ जाएगा,
और विदा भी ऐसे,
दुनिया से हमेशा के लिए चलें जाते हैं जैसे,
फिर वो और उसका वक़्त,
हमेशा के लिए उसका मलाल बन जाएगा।

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20 MAY AT 11:07

और फिर उस नालायक ने,
खुद को उसको काबिल बनाने के प्रयास में,
खुद को खो दिया,
और खोती ही चली गई,
ये सोच के कि काश,
उसको कदर हो उसकी,
जिसने इतने बरस दिए जीवन के,
उस पर उसको कभी तो प्यार आयेगा।

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12 MAY AT 21:23

एक टुकड़ा हक ही तो माँगा था,
उसने वक़्त नहीं है कहकर बेक़रार कर दिया।

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12 MAY AT 18:00

संजोए रखा है कुछ यादों को,
गुलाब की तरह,
सूखे ग़र तो भी,
खुशबू बिखरती रहेगी,
बंद रहेगी सदा,
दिल के संदूक में,
जब जब खोलूंगी
चहक के रो लूँगी।

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10 MAY AT 19:11

और वो उसका मुड़कर यूँ देखना,
मुझे गुमराह कर गया,
सपनों में वो आती रही,
और ना मिल पाने का ग़म मुझे तबाह कर गया।

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8 MAY AT 17:14

बिखरे शब्द से समेटना खुद को,
बहुत मुश्किल सा होता है,
अपने मन के भावों में छुपकर,
मेरा शब्द जब जब रोता है,
उतरता है काग़ज़ में ऐसे,
मेरे रिक्त मन का दर्पण होता है,
आँखों से जो बह ना सके,
वो शब्दों के रूप में आग्रह बन बहता है।

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7 MAY AT 10:50

और सोचती हूँ,काश ग़र यूँ होता,
किसी शायर से ब्याह दी जाती,
और उसकी हर शायरी में मेरी ही बात होती,
कभी मेरी आँखों की तारीफ करता,
और कभी मेरे हुस्न के कसीदे गढ़ता,
कभी करता मोहब्बत की बातें,
और कभी मेरे तल्ख मिजाज पर कुछ लिखता,
और कुछ इस कदर,
मेरी मोहब्बत का काफिला चलता,
और जब जब वो शब्दों का जाल बुनता,
मैं उसके ताल से ताल मिलाती,
उसके आँखों में डालकर आँख,
हर बात मैं जान लेती,
उसके चलते हुए कलम से मैं,
उसकी खामोशी का भी ताक लेती।

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7 MAY AT 10:21

सुनो अगर एकबार भी लगे,
कि तुमको जाना है,
तो जाना जरूर,
पर जाना है तुमको बहुत दूर,
ये बताना जरूर,
सुलझे सवाल और जवाब हो ग़र तो,
मुश्किलें आसान लगती है,
और ग़र ना सुलझे सवाल कई तो,
जिंदगी कब्रिस्तान लगती है।

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5 MAY AT 23:19

एक बारिश ऐसी हो,
जो तन सहित मन को भिगो दे,
चंद पल ही सही,
मेरे अतृप्त मन को डुबो दे।

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