जब तलक उसका चेहरा नज़र नहीं आता, दहर में मुझे कुछ अच्छा नज़र नहीं आता! निगाह साहिलों की फ़िक्र में रहती है मगर, डूबने वालों को तिनका नज़र नहीं आता कश्ती डूब जाए ब-दरिया कोई गम नही, तुम बिन जिंदगी का यूँ क़रार नहीं आता!
साहिल पे खड़े होकर हम उसका इंतजार कर रहें हैं हम जानते हैं वो हमारा नहीं हैं फिर भी हम उससे प्यार कर रहें हैं हकीकत में वो किसी और का हो गया हैं हम तो सिर्फ ख्वाबों में उसका दीदार कर रहें हैं....