धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी॥
( धैर्य, धर्म, मित्र और स्त्री- इन चारों की विपत्ति के समय ही परीक्षा होती है )-
होएहु संतत पियहि पिआरी।
चिरु अहिवात असीस हमारी॥
( तुम सदा अपने पति की प्यारी होओ,
तुम्हारा सुहाग अचल हो;
हमारी यही आशीष है )-
पहले सिर्फ एक परिवार का
प्यार मिलता था,
अब दो-दो परिवारों का
प्यार मिलेगा,
पहले मुझे देख सिर्फ
एक परिवार के लोगो का
चेहरा खिलता था,
अब मुझे देख एक और
परिवार के लोगो का
चेहरा खिलेगा..।।
पहले मैं सिर्फ मेरे माँ-पापा की
जान कहलाती थी,
अब ससुराल वालों की भी
शान कहलाऊंगी..।।
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कभी पापा की लाड़ली बन घर का नूर बढ़ाती हैं
मम्मी का पल्लू पकड़े हुए उसकी परछाई बन जाती हैं
अपने भाई के सभी राज़ों का वो भंडार हैं
प्यारी सी बहना की अनगिनत बातों का वो संसार हैं
वो अर्धांगनी बन पति का साथ निभाती हैं
और अपनी प्यारी नन्द की सहेली भी बन जाती हैं
सास - ससुर के आराम का वो राज़ हैं
और छोटे देवर की वो ही तो हमराज़ हैं
वो ममता की मूरत हैं
वो त्याग का आधार हैं
हँसते हँसते वो हर गम पी लेती हैं
हर माँ एक लड़की से ही तो जन्म लेती हैं-
🍇"तौहीन व प्रशंसा - ससुर के शब्द बहु के लिए"🍎...✍️
खासियत है आप में
जो अच्छा पलटवार करती हैं।🍎...🍇........✍️
मुर्दों को ज़िन्दा और
ज़िन्दा को बीमार करती हैं।🍊...🍏..........✍️
उपस्थिति आपकी
सबको पसंद है घर में, ये मालूम होगा? 🍊...🍎....✍️
व्यस्तता बताती है
चहचहाती है फिर जो न समझे वो महरूम होगा। 🍇...🍋.✍️-
ससुर जी दामाद जी से बेटा आप को दहेज में क्या चाहिए?
दमाद जी बोले मुझे कुछ नहीं चाहिए केवल टर चाहिए
ससुर जी बोले बेटा टर क्या होता है ?
दामाद जी बोले
✓ हेलीकॉप्टर,
✓ ट्रैक्टर,
✓ मोटर,
✓ जनरेटर,
✓ रेफ्रिजरेटर,
✓ ट्रांसमीटर,
✓ ट्रांजिस्टर,
✓ इन्वेंटर,
✓ कंप्यूटर,
✓ कैलकुलेटर,
✓टाइपराइटर,
✓इलेक्ट्रोमीटर,
✓ स्कूटर.. आदि
ससुर जी बोले बेटा हम आपको देते हैं अपनी डॉटर उसके हाथ में होगा हंटर जो आपसे बनवाईगी मटर,टमाटर,चकोटर की सब्जी-
वो पुराने ससुर हमे क्यों नही मिलते जो बोलते थे...
ये लो ब्लेंक चेक और दफा हो जाओ मेरी बेटी की ज़िंदगी से
😂😂😂😜😜😛😛🤣🤣-
महबूब ना हुआ, वो कश्मीर हो गया,
ससुर हमारे "पाक" और हम "हिन्द" बने बैठै है !!-
पिता-ससुर एक आस....
एक ने मुझे राजकुमारी के जैसा बड़ा किया
एक ने मुझे घर में लक्ष्मी का दर्जा दिया,
एक ने सपनों को पंख लगा मुझे आसमा में उड़ा दिया
एक ने लाज्ज-शर्म का गहना पहना मुझे चमका दिया,
एक ने मुझे जिन्दगी का सबसे खूबसूरत किस्सा दिया
एक ने मुझे अपनी धरोहर में सजा कर हिस्सा दिया,
एक ने जला अपने कई अरमान मुझे विदा किया
एक ने लगा सारी उम्र की संपत्ति मुझे महल बना दिया,
एक ने मुझे प्यार और संस्कार से नवाज़ दिया
एक ने मुझे आशीष और आशीर्वाद साथ अपना लिया,
एक ने पति के लिए मन में विश्वास का दीप जला दिया
एक ने अपने बेटे की डोर दे उसका संसार सौंप दिया।-