जब लोगों की सोच खुलती हैं
जहाँ रोक टोक नहीं होती
कपड़े और gender देख
जहाँ नीयत नहीं खोती
आज़ादी तब मिलती है
जब सब एक सम्मान होते है
और तब भी जब एक दूसरे में
वो नफ़रत का बीज नहीं बोते हैं-
जाने शब्द कहाँ से आते हैं
हाथ में कलाम होती हैं
और एहसास आकार ले जाते ... read more
लोगो से थोड़ा दूर
सुन ने दिल की गहराई को
कुछ बातें थी
जो खुद से करनी थी
कुछ यादों से
आँखे भरनी थी
थोड़ा खुद से रु-ब-रु हो
हम फिर भीड़ की तरफ मुड़ गए
चंद कदम तन्हा चले...और
फिर भीड़ के साथ जुड़ गए-
भूल जाएँगे दुनिया के दिए गम
न होगी सरहदों पर कोई जंग
न होगा किसी की तरक्की से कोई दंग
हाथ पकड़ सब साथ चलेंगे संग
हर दिल में होगा चैन-ओ-अमन
साफ और नीला होगा ये गगन
पा ही लेंगे एक दिन ऐसा चमन!!-
जैसे खट्टी मीठी यादों की एक पुड़िया
दिल को गुदगुदाती कुछ बातें
बचपन वाली मस्ती की वो यादें
स्कूल न जाने के जाने कितने बहाने
कॉलेज के दिनों के अनगिनत फ़साने
TV के रिमोट को लेकर भाई- बहन से झगड़ा
दोस्तों ख़ातिर जाने किस किस से रगड़ा
जाने कब इन लम्हों में हम खो गए
अफ़सोस हैं कि आखिर हम क्यों बड़े हो गए-
अश्क़ हर पल नहीं बहता
तन्हाई यूँ ही नहीं मिलती
यादें दिल में है पलती
मुश्किलें आसान हो जाती है
उम्मीद का हाथ थामे रख
देख फिर मेहनत कैसे रंग लाती हैं-
उनके हाथ थामने है
संग उनके ही चलना है
कभी गिरना कभी संभालना है
जो चले गए
न लौटेंगे वो
आने वाले
आ जाएंगे
बीते कल और आने वाले कल की
उधेड़बुन में...आज के फूल मुरझा जाएंगे
-
हम यहाँ है, वो कहाँ हैं
डूब रहा था जब अंधियारे में
तब तारों से रोशन हुआ ये जहां हैं
खो गए वो किस्सों के दिन
अब लोगों के पास वक़्त कहाँ हैं
-
किसी और के हाथ न देगें ये सपना
ऐसा नहीं कि किस्मत में होगा
तो मिल ही जाएगा
क्या पता किस्मत कह रही हो
के तब ही पाएगा
जब खुद जोर लगाएगा-
एक चाय की प्याली...
वो किताब का मुड़ा पन्ना, और यादों में साथ तुम्हारा
कुछ बचपन की यादें...जवानी की बातें
कुछ अध-लिखे कलमे, थोड़े टूटे हुए से वादें
संभाल के रखा वो फूल, मेज़ पर जमी ये धूल
और उंगली से यूँही ही, कोई चित्र बनाना
कुछ लम्हों को याद कर, पलखों का भीग जाना
वहीं दूसरे ही पल...कुछ और याद कर हल्के से मुस्कुराना
न सुबह की धूप में, न रात के साए में
जाने क्यों होता है...
खूबसूरत यादों को शाम को ही आना-
तेरी याद में अब आह भी नहीं भरनी
चले गए हो दूर...या कहीं खो गए हो
सच में भूल गए...या किसी के हो गए हो
अब तेरे नाम की आयतें नहीं पढ़नी
तुमसे अब बात नहीं करनी-