ये समापन है नहीं, नए आरंभ का दौर है
ये समापन है नहीं, कुछ और है -कुछ और है-
धीरे धीरे नींव लड़खड़ा रही है,
धीरे धीरे हमारा रिश्ता बिखर रहा है।
-
मैं क्यों नहीं कुछ कर पा रहा,
समय तीव्रता से बीतता जा रहा।
मेरा अस्तित्व समापन हो रहा,
कालचक्र मुझे झुठला रहा।
-
हे छठी मइया अर्ध्य स्वीकार करो
उपकार करो धन-धान्य से परिपूर्ण गृहस्थी हो सबकी..
#सभी भारतीय नारी को छठ पूजा समापन की
हार्दिक शुभ कामनाएं और बधाई..
-
[मायाजाल] |भाग-६०|
तुम यारों को दिल में बसाके चलना
तुम यादों को दिल से निकाले चलना।
जब आस तुम्हारी कदमो में दम तोडे़
वो बेवफा दिल तरफ किसी के मोडे़ ।
रास्ते ताकते रहें किसी को इक नजर
यूँ ही सूखी-उलझी रहे जुल्फों की लटक।
पल भर बैठने ना दे सिसकियों की आहट
थक जाये सारा वदन फिर लेते- लेते करवट ।
इक नजर अनचाही उठी उस घडी़ की तरफ
जैसे तकदीर करके बैठी हो पीठ़ मेरी तरफ ।
हे दाता ! सुन दे मुझे रिहाई
डसती है अब यह तन्हाई ।
ना दोहरा उन यादो को
तू तोड़ दे सारे वादो को ।
"कौशिक" मय की आस में
मायाजाल के पाश में ।
हल्की सी कसीस उसके चेहरे पर भी आई
नयी रात, नये साल से पहले मिलने तो आई।।-
मिलन के बाद समापन!
और
समापन के बाद मिलन!
हृदय के अंतरंग भावों का
सम्मिलन है!!-
समापन
ख़त्म हुई वो काली रात
आख़िर सुबह आ ही गई।
तुमने न याद किया तो
हमें भी वो अदा आ ही गई।-
घमंड किस बात का करू
एक वक्त ऐसा भी आयेगा
जो ये आंखे और सांसे बंद
होगी तो खुलेगी नही।-
मैं अगले बांध पर अवश्य मिलूंगा,
प्रतीक्षा को प्रतिकार न समझना।
झंझावातों के कलरव को जीवन में
कथानक का समापन न लिखना।-