PURUSHOTTAM CHOUDHURY   (पुरुषोत्तम चौधरी)
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DoB 11th October,
Graduate from St.Xaviers College,kolkata
Joined 2 November 2020


DoB 11th October,
Graduate from St.Xaviers College,kolkata
Joined 2 November 2020
2 MAR 2024 AT 0:32

माँ मन-आत्मा ही नहीं, रूप है परमात्म का!
माँ सृजित मानव, सर्वोच्च रूप है प्रकृति तत्व का!
माँ देय है जीवंत देह की, कौन चुका पाया माँ-मातृत्व के देय का!
पाकर प्यार और आदर अपनी ही संतान से,
स्वयं ही मुक्त कर देती वात्सल्य मातृत्व भाव से!!

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1 MAR 2024 AT 20:49

ईश्वर चमत्कार का रूप नहीं,
भक्त के आत्म स्व-रूप में स्थित,
श्रद्धा-आस्था, भक्ति-विश्वास,
ही ईश्वर का ग्राह्य स्वरूप है!!

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1 MAR 2024 AT 20:39

अहम भाव के अंत से,
अनंत-यात्रा का आरंभ है!
एक ही पूर्ण,
अनंत है!
द्विभाव तक अपूर्ण,
एकत्व भाव से पूर्ण है!!

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1 MAR 2024 AT 20:26

ताल मेल,
मन मेल,
तन मन मेल है!
मेल मिलन का
अवलोकन, पुनर्विलोकन
क्रमश: जगत विलोपन है!
शांतचित्त अन्तर विलोचन,
अनंत विलोकन संग
परम मेल है!!

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1 MAR 2024 AT 18:07

जहर को जहर मारता है,
कांटे से कांटा निकलता है!
यही सोचकर अपनों ने,
मुझपर बड़ा उपकार किया!
जज्बातों को झोंक
दिली आग में और जला दिया!
उतार कर खंजर दिल में
ज़ख्म-ओ-दर्द और बढ़ा दिया!!





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1 MAR 2024 AT 15:09

हंसती-खिली सूरत ही बहुत है,
सुबह की अच्छी शुरुआत के लिए!
अपना ही हो जरूरी नहीं,
सुमन का होना ही बहुत है,
मन महकाने के लिए!!

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1 MAR 2024 AT 14:57

प्यासा तन मन,
पत्थर ही हो जाए,
तो गगरी फिर भरी क्या,
क्या खाली ही हो जाए!
पत्थर तन बदन की,
चादर फिर क्या ढकी,
क्या उघर ही जाए!!

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1 MAR 2024 AT 14:48

शोर किसका ज्यादा है,
दिल का या ज़माने का!
अनसुना कर भी लूं,
कान बंद कर ज़माने के शोर को,
दिल के शोर का क्या करूं!!

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29 FEB 2024 AT 22:38

हर वसीयत में,
धन दौलत ही नहीं मिलती!
संस्कारों की ही विरासत
अगली पीढ़ी की
धनाढ्य वसीयत है!!

पुरूषोत्तम चौधरी

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29 FEB 2024 AT 21:47

करके कत्ल
दिले जज्बातों का,
होकर चश्मदीद
उतर कर
दिल के कटघरे में
अनकहे अरमाँ का
गवाह बन जाना!
कर कबूल,
मानकर गुनहगार खुद को,
हो सके तो आरज़ू पूरी कर,
बेगुनाह हो जाना!!

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