तो हार नहीं होती
धर हाथ पे हाथ बैठने से स्वप्न साकार नहीं होती-
इस दुनिया के लिए
सेवा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं
मानब सेवा हि माधव सेवा है
इससे आगे ओर कोई नहीं ।
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इश्क़ तुम्हें से बयाँ करू भी तो कैसे ,
पाबंदियों के घेर में घिरा है ये दिल ।-
और उन्हें पूरा करने के लिये निरन्तर प्रयास करते रहें,
और जब तक सपने साकार ना हो जाये सच्चे मन से समर्पित ही रहें।-
सवाल यह नहीं कि आप कितना कुछ करते हों??
सवाल यह है कि आप पूरी तरह से समर्पित है..
क्या आपका जीवन पूरे प्रवाह में है..??-
करता हूं
मन का फूल तुम्हें अर्पण
कर लेना स्वीकार
अगर हो कोई और इच्छा
बतलाना मेरे यार
बेहिचक पूरा कर दूंगा
बस
प्रतिफल में तेरा प्यार ही लूंगा।-
सपनों के प्रति समर्पित हों,
रूपरेखा भी सारगर्भित हों।
सफलता तभी संभव होती है,
जब मन पूर्णरूपेण अर्पित हों।।
जरूरी तो नहीं सब कुछ
एक ही पल में अर्जित हो।
अल्प घड़ा भी कल पूर्ण होगा,
बस बूँद गागर को समर्पित हों।-
ख़ुद को समर्पित कर दो ख़ुद को फिर न जीवन में कुछ बाकी रहेगा।
जो है आत्मसंतुष्टि का गुण तुम में 'अभि' तो जो मिलेगा काफ़ी रहेगा।2।
जो देश से जुड़ा है वो मसला हमारा हैं किसने कहा 'सियासी' रहेगा।
देश से बढ़कर कुछ भी नहीं, तुम जो चाहो करो, ये अभि बाग़ी रहेगा।4।
मेहनत करने वालों को किसी की चमचागिरी करने की ज़रूरत नहीं,
आएगा एक दिन 'अभि' जब आत्मनिर्भर हर एक भारतवासी रहेगा।6।
क़ौम से मत आंको हमें, देश के लिए मरने को हर कोई राज़ी रहेगा।
आज लोग समझ नहीं रहे हमें, एक दिन हर एक ज़र्रा रूहानी रहेगा।8।— % &-
प्रेरित करो कर्म के और,
कर्म को एक मात्र लक्ष्य मान कर,
कर्तव्य को संपादन करने के उद्देश्य से,
निरंतर कर्म करते जाओ,
सफलता आप को प्राप्त होगा निसंदेह — % &-