बदले बदले से सुरूर हैं,
ना जाने किस बात का गुरूर है।
जिनकी सुबह होती थी कभी हमारे नाम से,
वो आज हमसे कोसो दूर हैं।
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Gunnu
(Innocent Smile)
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Joined 18 February 2021
7 DEC 2022 AT 10:02
26 MAR 2022 AT 22:27
हर रोज़ यही उम्मीद रहती है कि आज कुछ अच्छा होगा,
पर ये जिन्दगी दिन-ब-दिन मुश्किल होती जा रही है।
हर ढलते हए सुर्य के साथ उम्मीदों का भी अस्त हो रहा है।-
22 MAR 2022 AT 23:43
उनसे मोहब्बत को क्या ही नाम दें,
ना तो मुकम्मल हो पा रही है, और ना ही नाकामयाब...-
6 MAY 2021 AT 12:15
तेरी खैरियत का ही जिक्र रहता है, दुआओं में,
मसला सिर्फ दोस्ती का ही नहीं, फिक्र का भी है।-
8 APR 2021 AT 16:48
दुनिया तो सिर्फ मुस्कराता हुया चेहरा देखती है,
पर उसके पीछे छिपी परेशानी सिर्फ मां जानती है।-
2 AUG 2021 AT 18:01
अगर वो कहें तो मैं अपनी आंखें भी दे दूँ,
मगर वो तो हमारी आंखों के ख्वाब ही मांग बैठे।-