अब तक सीख रहा हूँ मैं
जो सीख जाना था मुझे
हर वक़्त नए सबक हैं
मेरे सामने आते जाते
किताबों में नही है वो
जो दुनियावाले सिखाते
आपने जो पढ़ाया था
वो कहाँ काम आता है
जब फिसल जाता हूँ
बस वहाँ काम आता है
#teachersday-
माना सर्वविजयी के आगे, अपनी कुछ औकात नहीं
सबको सबकुछ दे पाना, सबके बस की बात नहीं
हम हार गए तो हार गए, जो जीते वो भी दिखे कहाँ
हम हारे तो कुछ सबक लिए,वो जीतकर भी सीखे कहाँ
सर्वसमर्पण के रण में, अगर हारे भी तो हार नहीं
जिस हार में हो जीत छुपा, उस हार का कुछ सार नहीं
जो हारकर लौटा फिर रण में, वही असल विजेता है
जो रण जीता और चला गया, वो कल का बीता त्रेता है
जो चले गए फिर मिले नहीं, जो लौटे भी वो बदल गए
जो जाकर लौटे फिर मिले, वो भी थोड़ा संभल गए
इस हार की जीत के बाद, शेष कुछ बिसात नहीं
सबको सबकुछ दे पाना, सबके बस की बात नहीं-
" उसने सिर्फ परछाई की तरह ही साथ रखा
छाओं में कोई औऱ, हमें धूप में ही पास रखा
औऱ हमनें कम्बख़्त....,
शबो रोज़ शाम-ओ-सहर उसे याद रखा.."-
गिरने का डर दिया है सिर्फ,उंचाईयों ने हर मुकाम पर,
गहराइयों ने सबक मुझे दरख़्त बनने का सिखाया है!-
कट जानी है जिंदगी उम्मीद आरजू लिए
वक़्त कब ठहरा है कहीं किसी के लिए-
हो सके तो थोड़ा सबक भी सिख लेना तुम कुछ रिश्तों से,
लोग गलत इल्ज़ाम भी लगाते है जहां रिश्ते तोड़ने के लिए!-
हा गलती मेंने भी की, खता तो मुझसे भी हुई
पर क्या बताएं गालिब,,,,
वो एक गलती हर बार नया मोड़ लेती रही
और एक दिन जीवनभर का सबक सिखा गई....।।-
अंदर गुस्सा है मगर दोस्ती निभाना आता है,
डसते हैं जो अपनों को, उन्हें सबक सिखाना भी आता है।
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महामारी का सबक़ गज़ब का हैं
अपनो से सिर्फ फ़ासले ही जान बचाते हैं-
"मुस्कुराहट को मोह्ब्बत मत समझना,
अपने किये को ग़लत मत समझता,
अरे! इश्क़ तो रूह का सुकून होता है
कभी ज़िस्म को चाहत मत समझना......."-