लोग दोस्ती का मतलब पूछ रहे हैं
मतलब होता तो दोस्ती कहाँ होती-
Abhishek Agrawal
(अbhishek)
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'खुद को लिखता हूँ, कभी हालात लिखता हूँ,
कभी ख़यालात तो कभी ज़ज़्बात लिखता हूँ,
जो दिल तक आती है... read more
कभी ख़यालात तो कभी ज़ज़्बात लिखता हूँ,
जो दिल तक आती है... read more
Joined 13 October 2017
11 SEP AT 0:33
अपनी परछाई से मिलने मैं धूप में जाता हूँ
रात के अंधेरों में इनका साथ नहीं मिलता-
2 SEP AT 11:37
आयेगा तेरे हिस्से में भी, कोई समंदर एक दिन
तू बारिश के एक कतरे के लिए, परेशा क्यों है-
27 AUG AT 0:30
जब भी बिखेरी
हवाओं ने बिखेरी ख़ुशबूएँ
फूलों ने कहाँ कभी
किसी के घर को महकाया-
27 AUG AT 0:24
कि ये जीवन फिर
मिल जाए दोबारा
तो इसे ऐसा जी सकूँ
जैसा मैं जीना चाहता था-