मीत,गीत प्रीत-रीत, जीवन का है संगीत,
गुनगुनाइए इसे, शोर न मचाईये।
गेह प्रेम, क्षेम, स्नेह, भाव दृग नेह मेह,
तंग अंग रंग-भेद,मत समझाइये।
सुर लय ताल देख, राग का कमाल देख,
हृद सद् भाव धुन,आनन्द उठाइये।
रखेंगे जो मेल-जोल,बिना किए मोल-तोल,
जीवन में रस घोल, मृदु फल पाइये।
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