मासूम चेहरे पर अश्कों की बरसात अच्छी नहीं लगती। हर मुलाकात के बाद हिज्र की कोई बात अच्छी नहीं लगती। मुशायरों में होता रहता जिक्र आपका। ये इश्क है जनाब यहां सरगोशियों की बिसात अच्छी नहीं लगती।
‘‘लोग कहते हैं कि रिश्तों को समय देना चाहिए। लेकिन जब तक देना चाहिए तब तक समय का मूल्य हो। जब मूल्य में गिरावट आना प्रारंभ हो जाए तब समय का संकुचन कर लेना चाहिए’’