जब तक गंगा मे धार, सिंधु मे ज्वार,
अग्नि में जलन, सूर्य में तपन शेष,
स्वातंत्र समर की वेदी पर अर्पित होंगे
अगणित जीवन यौवन अशेष।
अमेरिका क्या संसार भले ही हो विरुद्ध,
काश्मीर पर भारत का सर नही झुकेगा
एक नहीं, दो नहीं, करो बीसों समझौते
पर स्वतंत्र भारत का निश्चय नहीं रुकेगा-
शहीदों के लहू की स्याही से, ये संविधान बना है
हर दिन संभाल के रखो, मेरा देश महान बना है।-
ये शान है, ये मान है, वतन का ये सम्मान है,
चले वतन इसी से है, यही मेरा अभिमान है,
ये मेरा संविधान है।
उद्देशिका का मंत्र है, लोकतंत्र ये गणतंत्र है,
न्याय की ये नीति है, सम्पन्नता की रीति है।
अखंडता इसी से है, यही निरपेक्षता का मान है,
ये मेरा संविधान है।।
कानून की दलील है, स्वतंत्रता का ये मील है,
कर्तव्य है, अधिकार है, विचारों का अंबार है।
स्वराज भी इसी से है, इसी से वतन महान है,
ये मेरा संविधान है।।
पर तंग है, पर नंग है, वतन भी खंड खंड है
संविधान के ही पन्नों पे, लिपटा क्यों प्रसंग है?
समता की भी हार ये, यही एकता की शान है,
ये मेरा संविधान है!-
हर रंग ख़ुद में समेटे, जो बेखौफ़ लड़ा है,
जाति और धर्म के दायरे से जो आगे बढ़ा है,
नैतिक, निष्पक्ष, तर्कसंगत संविधान ही है वो,
जो अपनी चिता पर भी आज सहज खड़ा है।-
दर्जनों भाषा, सैकड़ो विधि, हज़ारो विधान है।
जो जोड़कर सबको साथ रखे, वो संविधान है।-
आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला लोकतंत्र विरोधी है।
लोकतंत्र में कोर्ट सुप्रीम नहीं होता, जनता सुप्रीम होती है। जनता का फैसला कोर्ट को मानना ही होगा। देश संविधान से चलेगा न कि मनुवादी कोर्ट से। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जनता नहीं मानेगी-
हर दिन हो रहे हैं बेगुनाहों के कत्ल, क्या देश में बचा अब रूल है,
ये इंसानियत ये जम्हूरियत ये आईन ये कानून ये मुंसिफ सब फुजूल है।
ہر دن ہو رہے ہیں بیگناہوں کے قتل،کیا دیش میں بچا اب رول ہے،
یے انسانیت یے جمہوریت یے آئین یے قانون یے منصف سب فضول ہے!-