बहत्तर हुरु के चक्कर में बहत्तर लाख पाप करते हैं
इन्हें जन्नत नसीब होगा वहां क्या बात करते हैं-
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शिवरात्रि का त्यौहार है
महादेव को बताने अपने जज्बात हैं
कलयुग हो या सतयुग
महादेवी मेरी इबादत का हकदार है-
आजाद हुआ देश औरत आज भी कैद में हैं
जन्म देती जिस मर्द को वहीं मिलाता उसे रेत में हैं !-
जो कमजोर को सताएगा उसे कौन बचाएगा
इंसाफ़ करने खुद महादेव आएगा ॥-
कुछ पाखंडी बाबा ब्रह्म, विष्णु, महेश को धरती के देवता और खुद को भगवान बताते हैं
स्वार्थ के चक्कर में भोले-भाले भक्तों को गुमराह कर के अपने ईमान को दांव पे लगाते हैं।-
आज के दिन देव दानव लड़ रहे थे अमृत के लिए
महादेव ने हालाहल पी कर
किया था सृष्टि की हर समस्या का हल
आज के दिन जो चढ़ायेगा महादेव को एक लोटा जल
हो जाएगा उसकी भी हर समस्या का हल
सावन माह शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ-
महादेव कहते हैं तू मुझे ढूंढ रहा हैं मैं तुझे
इधर उधर क्यों भटक रहा हैं अपने अंदर देख मुझे ।-
कुछ रिश्तों ने दम तोड़ा कुछ ने दिल तोड़ा
इतना कुछ होने के बाद भी महादेव
इस दर्द ने हमें क्यों नहीं छोड़ा-
जो कभी मेरा ना था मैं उसी का हो गया
मुझे माफ करना भोलेनाथ मुझसे बहुत बड़ा गुनाह हो गया
तेरी अदालत में होता है हर चीज का इंसाफ
बस यही सोच कर मैं बेपरवाह हो कर सो गया-
जिंदगी में गहरे दाग हैं
फ़िक्र क्यों करूं जब साथ भोलेनाथ हैं
दुनिया से जो मिला सब बेबुनियाद हैं
जो आज तुम्हारा वो कल किसी और के साथ हैं
खुशी मिले या गम सब बस एक याद हैं
मैं कभी रास्ते से ना भटकूं बस इतनी सी फ़रियाद हैं।-