जल है तो कल है
शीर्षक में पढ़िए-
जल नही तो कल नही
बिना जल के हम नही
विश्व जल दिवस के दिन शपथ लें जल की एक एक बूँद बचाएँगे
-
बहुत कीमती है,करोगे नहीं,
आज इसके खर्च में कमी
तो मर जाएँगे हम सब और
बंजर हो जाएगी ये जमीं।-
सागर महासागर के अतिरिक्त,
सम्पूर्ण पृथ्वी की
लगभग समस्त जल राशि पेयजल हैं;
यद्यपि नमकीन है तब भी
ऑंसू भी!
#विश्व_जल_दिवस
Bipasa Mukherjee
©— मेरु का दर्द
-
हाइड्रोजन ,आक्सीजन का योग हूँ मैं।
गंगा ,यमुना का बहता अस्तित्व हूँ मैं।।
समय हे अभी भी बचा लो मुझे।
तुम्हारे जीने का मूलमंत्र ,जल हूँ मैं।।-
ज़ल है तो कल है जल से ही सृष्टि का जनजीवन है,
जल से ही जीवन संतुलन,जल से जीवन का मोल है।
जल है तो सृष्टि का निर्माण ,हर नया दिन उजला प्रकाशमान है,
जल से ही शरीर का खेल,जल की एक एक बूँदे जगाती जीने की प्यासी आस है।
जल संतुलन है तो ब्रम्हांड है, वरना विनाशसे जलमय ब्रह्मांड भी है,
जल बिन ना जीव ना जीवन,जल का अपव्यय ना कर,करना होगा अब मोल है।
आज से ही करना है प्रण,नव पीढ़ी में जागृत करना होगा जल ही जीवन है,
जल ही जीवन आधार है जल से ही जीवनमंडल निर्भर है जल बिन ना आज ना कल है।
जल है तो कल है जल ही जीवन की सौग़ात जल से ही आने वाला हर पल स्वर्णिम है,
जल बिना सब अधूरा ना अंबर,ना धरती,ना हिरयाली संग नदियों का भी कलकलाता ना गीत है।-
बूंद बूंद से बनता है
सागर और महासागर
पानी की जरुरत है सभी को
कोई भी नहीं है,यहाॅं
जो रहेगा बिना पानी
पानी ये है तेरी कहानी
तेरे बिना अधूरी है
सारी दुनिया की जिंदगानी...-
बचा ले पानी! 💧
जल जो तेरे भीतर है
उतना ही प्रतिशत जल बाहर भी है!
तेरे भीतर का पानी भी बचा रहना चाहिए
और बाहर का पानी भी...
तेरे ही कारण
हर एक नदी पीड़ित है
हर एक नदी दूषित है!
कल-कल बहती नदी केवल किताबी रह गयी है!
तेरे ही कारण
हर एक झरना आबाद है
तेरे ही छोड़े गए कचरे से
हर एक झरना अब बरसाती ही रह गया है!
तेरे ही कारण
बारिश का पानी जहरीला हो गया है
तेरे ही छोड़े गए जहरीले धुंए से...
शहरों की बारिश अम्लीय वर्षा करने लग गयी है!
तेरे ही कारण
भूमिगत पानी भी नही बचा है सुरक्षित
तेरे ही फैलाये प्रदूषण से...
रासायनिक उर्वरकों में घुला पानी जमीं में अंदर जा रहा है!
हर एक पानी का स्त्रोत
गुस्सा है तेरी ही गुस्ताखी से!
संभल जाओ
एक वक्त ऐसा आएगा
भीतर का पानी मायूस हो जाएगा
गर बाहर का पानी 'रूस'* गया तो...
सब कुछ असंतुलित हो जाएगा...
अभी तो शुरुआत है...
पानी बचा लो...
दोनों तरफ का
भीतर का भी और
अंदर का भी...!!"-