Sheetal D Naladkar   (Sheetal D Naladkar💕)
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Brave..... 29🎂
Joined 1 April 2020


Brave..... 29🎂
Joined 1 April 2020
17 JUN AT 23:49

दिल बड़ा मासूम होता हैं...
और, दिमाग शातिर होता है।
इन दोनों के बीच बेचारा मन,
बेदर्दी से कुचल दिया जाता हैं।।

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16 JUN AT 19:57

"आदर और विश्वास से बना रिश्ता अटूट होता हैं"।।

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14 JUN AT 9:33

काजळी वर उजळणारा प्रकाश तो तेजाचा आहे....
शितल चंद्रा सोबत सूर्य देखील जीवनी गरजेचा आहे

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14 JUN AT 9:19

ख़तरे की घँटा अनसुनी मत कर ऐ इंसां
कतरा - कतरा हो रही एक लौती ज़िंदगी
इतरा रहा हैं तू...,समय रहते क़ाबू में आना
तीसरे युद्ध की घड़ी बन रही पलभर की न होगी ज़िंदगी

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9 JUN AT 23:23

"दिल के करीब बस तू है...
फ़िलाल तू तो कौसों दूर है "



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7 JUN AT 0:49

मोहताज रहें हम सुनने चंद शब्दों के खातिर
क्यों थे ये अपनों से उम्मीदें... अपना कहकर

दिल दिमाग दोस्त बने शायद प्रेम के खातिर
ख़ुद का दिल बहला गए वो... अपना कहकर

और हमें लगा अमर हैं प्रेम, सुने शब्दों खातिर
नक़ाब पहचान न पाए शायद...अपना कहकर

नसिबा को कोसते रहें हम गलत नजरिए ख़ातिर
अब न होगी ये भूल ,कि किसिको अपना कहकर

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7 JUN AT 0:32

"ख़ुद जलकर पिघलती हैं भी तो .......,
रोशन भी होती हैं मोमबत्ती...
ऐसे ही तत्वों पर चलती हैं जिंदगी जिसकी,
अनंतकाल तक गवाह देती हैं कीर्ति..."

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21 MAY AT 9:20

आयु भगवान की देन है।
यश कीर्ति में कर्म मेन है।।

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18 MAY AT 23:45

कैसे सुनाऊँ आपको आपकी कही सुनाई बाते
हर पल नज़रों में कैद रखनेवाला भूल गया बिती बाते
अब फरक इतना है कि- दिल मैं क़ैद है,आपकी प्रेमभरी यांदे
अंजाने अजरामर बनने चले थे,अब रुलाती है वही बिती राते

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8 MAY AT 15:17

शीर्षक: निरोप क्षण
दर वर्षी दिदींना परत या म्हणत
देतोय आज आपण निरोप पण....
हसत हसत ओल्या पापण्या लपवत
काळजावर दगड ठेऊन सावरतोय तो निरोप क्षण....

भक्तीत मनोभावे तल्लीन होऊन
सात दिवस विसरलं होतं आम्ही सारं काही....
मन शुद्धी झाली भक्तीत नाहून
आणि देऊन निरोप आठवेल साथ दिवसातलं सारं काही....

दीदी .., तुमच्या सतंसंगाने मिळाली आम्हाला अद्भुत शक्ती
संकटांना दूर सारायची आली आहे आम्हाला उक्ती....
वेदनेला सहन करून हसू उमटले होते गाली
दीदी तुम्हीच ही तुमच्या वाणीने जादू(किमया) आम्हाला केली....

सात दिवस सतंसंग ऐकून केले आम्हा सर्वांना कणखर
मनी स्वाभिमानाचा झेंडा फडकवत होणार आम्ही आता ताठर..
आशीर्वाद लाभेला नगरेश्वर महादेवांचा, दीदी आज जाणार तुम्ही
पण हृदयात आमच्या रोवले आहे सद्विचार रुपी वटवृक्षाच जणू काही....

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