QUOTES ON #विवश

#विवश quotes

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25 MAY 2021 AT 22:01

पता है इंसान विवश कब होता है
जब वो किसी को खुद से ज्यादा महत्व दे
और वो इंसान उसको कुछ समझे हीं ना
तब आदमी लाचार भी होता है और विवश भी

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18 AUG 2017 AT 19:34

दिल्या घरी तू सुखी रहा...
यानी कि इस घर से तुझे बिदा कर
जिस घर में तुम्हारी नयी जिंदगी तुम शुरु करोगी वहां सुखी रहना...
नम आंखों से गिरते आंसुओं के झरनों में बस इसी संदेश की तैरती कागजी कश्तियाँ पाती हैं वह...
भरमाती होगी ही वह भी...
कि ये आशिर्वाद ही हैं या...
की जा रही हैं मुझे मेरी विवशता का एहसास...
डोली से अरथी तक सिमटा दी जाती हैं जिंदगी यहां
कैसी विडंबना है यह भी
सुख में जीती हैं कभीकबार
या फिर सुखी होने के दिखावे में मरती है हरबार
कौन है ऐसी विवशता का जिम्मेदार
सिर पर प्यार भरा हाथ रखता बाबुल
दहेज या मर्यादा में रखने के लिए हाथ मरोड़ता ससुराल
या फिर इंसाफ के लिए पुकारती जुबां पर हाथ रखता समाज...
जवाब हैं किसीके पास इन सवालों का
पानी में रहकर मछली से बैर न करने की सोच
विवश बना गई हैं हमें...

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मैं विवश नही अब ,
मैं आदिशक्ति की ज्वाला हूँ ।
मैं हूँ अमृत ,
मैं ही विष का प्याला हूँ ।
मैं ही सृजनकर्ता ,
मैं संहारक हूँ ।
मैं देवों की जननी ,
संपूर्ण सृष्टि की पालक हूँ ।
पहचान मुझे मैं नारी हूँ ,
मैं पत्नी ,बहन , तेरी महतारी हूँ ।

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18 AUG 2017 AT 18:35


काग़ज के नोटो के आगे,
विवश हो मानव तन त्यागे,
ऐसी भी क्या नोटो की महिमा ,
जिसे मानव ने गढ़ा हो विवश ,
उसी के पीछे भागे ,अन्नपूर्णा जो खेतों में उपजे, जीवन तृप्त हो जिसको पा के,
अमूल्य अन्न का मूल्य काग़ज के नोटों में आँके, कैसी ये कलयुग की माया,बहुमूल्य रतनों के बदले खुश हैं लोग कागज के नोट पा के,
जीवन को भी कागज के नोटो से तौल रहे हैं,
सृष्टि के रचियता की श्रेष्ठतम रचना आज कागज के नोटों से जीवन हार रही है,
करूणा, दया विलुप्त हुई है,
बस काग़ज के नोटों की होड़ लगी है ,
मानवता विवश खड़ी है ।

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8 JAN 2018 AT 18:43

ठिठुरती सर्द रातों में,
फुटपाथ पर,
सोया वो,
अपनी बेबसी का नया साल
मना रहा था.......
पूर्वा शुक्ला✍️

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टलता नहीं
विधाता का विधान
विवश इंसाँ

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17 AUG 2017 AT 21:23

विवश होके की थी ,उस लड़की ने एक नयी
शुरुआत।
फिर एक हसीन फरिश्ते ने थामा उसका हाथ।
बढ़ायी उसकी हिम्मत , बोला कुछ खास कर सकती हो आप।
विवशता में उठाये हुये कदम
उसे मंजिल की तरफ ले गये।
पूर्ण हुई उसकी मुराद।
आज कल्ब से देती है वो
उस फरिश्ते को धन्यवाद।।।।।

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25 DEC 2017 AT 15:37

जो हमारे लिए आर्थिक विवशता है
वो औरों के लिए मिडिल क्लास मानसिकता है.

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18 AUG 2017 AT 13:18

कभी बिखरी तो कभी बना लिया ,
कभी रूठी तो कभी मना लिया ,
कभी खोयी तो कभी पा लिया ,
"ज़िन्दगी " कर ले विवश चाहे जितना,
रवि की किरण सरीखी उम्मीद से
दामन अपना मैने सजा लिया ।

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17 JUN 2020 AT 18:50

विवश तो हम इतने है कि अपना हाल ए दिल भी किसी से कह नहीं सकते ,
और मन तो पूरी दास्तां सुनाने की है ।

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