जिंदगी अब अखरती नहीं है
कविताएं जो लिखी जाए मरती नहीं है
सुनो गुलाबों से लोग चुनो तुम
महके बिना जिंदगी संवरती नहीं है
मोहब्बत करो किताबों से तुम
किताबें कभी बदलती नहीं है
-
तुम कहो तो मैं गज़ल बन जाऊं
Facebook id, दिव्य श्वेत
Single
mom name -... read more
पैसों ने ही खुशियों को खाया है
घर का बंटवारा पैसों ने ही करवाया है
अपने अपनों से जलते है
घोर कलयुग आया है
वही रहेगा सतयुग में जिंदा
जो पैसों की लालच में ना आया है
क्यों करते हो पैसा पैसा
देखो रब ने कितना सुंदर संसार सजाया है
सुनो करो बढो की इज्जत
मुझे तो रब ने यह पाठ पढ़ाया है
जो नहीं रखते माता-पिता को संग
ऐसी औलाद को रब ने ठुकराया है
आएगा कलयुग में खतरनाक तूफान,
मांग लो माफी जिस जिस का दिल दुखाया है-
मेरे मुरब्बे जैसे शब्दों को, तुम अचार करते हो
सच सच बताना ,क्या तुम मुझसे प्यार करते हो-
चल रही है आज ठंड़ी हवाएं
लगता है मानो रब मुस्कुराए
हवाएं हैं रब की सखियां
रब के इशारे पर पत्तों को झुलाए
जाना पड़ता है उसे रब के घर
जिसको भी जब रब बुलाए
रब के इशारे पर ही तो
बनती है यह अनोखी कविताएं
महकने लगी जिंदगी मेरी
जब कविताएं पढ़कर आप मुस्कुराएं
-
आज की दुनिया में फरिश्ते रहते हैं
नन्हे कदम तपती जमीन पर ना पड़े
इसकी हिफाज़त फ़रिश्ते करते हैं-
आहा कितनी खूबसूरत है मेरी जिंदगानी,
पन्नों पर लिखी है अपनी ही कहानी,-
माना थोड़ी नादान है
कैसे छोड़ दूं परेशानियों को
यह भी तो नन्ही सी जान है-