QUOTES ON #विचार

#विचार quotes

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4 OCT 2019 AT 20:15

बहाव के साथ बहने को
स्वीकार करना भी
एक तरह की बगावत है।

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12 JUN 2019 AT 7:46

अनुभूति के
रस में डूबकर
मनोभाव जब
स्थिर हो जाता है
तब भवसागर में
विचारों की वेगवान
अनंत लहरें भी
रोक नहीं पाती
मिलने से....
कल्पना को कवि से
प्रेमी को प्रियतम से
आत्मा को परमात्मा से
बिम्ब को प्रतिबिम्ब से!

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29 MAY 2020 AT 10:55

जो लोग अपने जीवन मे एक राह पर नही रहतें, वही लोग फ़ालो अनफ़ालो का खेल खेलते हैं।

मेरा सभी सम्मानित जन सें अनुरोध है कृपया मुझे फ़ालो बैक के आशय से फ़ालों ना करें, पहले पढ़ें अच्छा लगे तभी लाइक कमेंट या फ़ालो करें, वर्ना बिना पढ़ें समझे बिल्कुल भी लाइक कमेंट फ़ालो करने कीं तकलीफ़ ना उठायें॥

🙏सहृदय अनुरोध स्वहित मे जारी 🙏

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10 APR 2022 AT 12:09

कितना आसान है महान बनना।
एक विचार सोचो, उसे रोज और बेहतर बनाओ,
और उसमे अपनी ज़िन्दगी बिता दो।

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4 JUN 2021 AT 1:17

चाहे वो कुछ भी हो
पहले विचार करो फ़िर आप स्वयं पर विश्वास करो
जिंदगी यूंहीं नहीं मिलती उसका भी ख़्याल करो
जीवन में कुछ भी अधिक ख़र्च या इकठ्ठा होना
हमारे सर्वनाश को आमंत्रण देना होता है!....

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3 MAY 2020 AT 14:13

विचारों का दुध उबलने दे जरा
अनुभव की पत्ती डालने दे जरा
मेरे मन की केतली को तपने दे जरा

रिश्तों का मिठास मिलने दे जरा
जिम्मेदारियों में पकने दे जरा
मेरे मन की केतली को तपने दे जरा

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19 DEC 2019 AT 21:27

मै चाहती हूँ धरा पर आए
एक दिन, जब नष्ट हो जाए
वो जातियाँ धर्म मज़हब सब
ना मन में द्वेष दिखे ना ही ज़हन में गंदगी
वो भेद रंग- रूप का सब
घुल जाए खारे समन्दरो में कहीं
भाषाएं सारी उड़ जाए हवा में मिलकर
मन दुखी कर रही ये असमानता जल जाए
ग्लोब पर बनी ये टुकड़ों की सीमाएं धुल जाए
संसार में फिर इंसान दिखे... श्वास लेते हुए

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1 APR 2020 AT 13:34

विचार आते हैं
लिखते समय नहीं
बोझ ढोते वक़्त पीठ पर
सिर पर उठाते समय भार
परिश्रम करते समय

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30 NOV 2018 AT 1:56

उन शब्दों को उकेरने की
जो जेहन की सिलवटों में
एक उम्र से भटक रहे हैं
वो जो जुबां तक आते आते रह गये थे
वो जो रोजमर्रा की दौड़ में
दरकिनार कर दिये जाते हैं
वो जो तब हमारे पास आते हैं
जब कोई पास नहीं होता
मन की खिड़कियों से झांकते हुए
उस विचार रूपी चाभी की तलाश में
जो मन के दरवाजे खोल देगा
और उन शब्दों को एक माध्यम देगा
कभी वाणी, कभी कलम का
कब आयेगा वो विचार (🔑)
अब तो बस उसी का इंतजार है

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19 MAY 2021 AT 10:40

न झांको घर में उनके, न उनके मसले सुना करो
विवाद तुम्हारे घर में भी है, जरा समझा तुम करो

न सूरज सा तेज है उसमें, न अग्नि सी पावन है वो
उनकी मोहब्बत में तुम, जरा संभल के चला करो

नशा थोड़ा हो तो चोखा, नशे में झूमा नहीं जाता
इसलिए शराब को जरा, धीरे धीरे पिया करो

नए हो इस शहर में, रीति रिवाज से वाकिफ नहीं
यहाँ सब रामपुरी संग चलते है, जरा दूर से मिला करो

जख्म वर्षों पुराने है, मगर गहरे आज भी बहुत हैं
और दर्द अभी भी नया है, जरा होले होले सिला करो

क्यूँ गिले-शिकवे करते हो, तुम्हे कल का पता नहीं
जिंदगी क्षणिक है तुम्हरी, जरा मुस्कुराके चला करो

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