गगन पर दो सितारे, एक तुम हो,
धरा पर दो चरण है, एक तुम हो,
त्रिवेणी दो नदी है, एक तुम हो,
हिमालय दो शिखर है, एक तुम हो !
रहे मन भेद तेरा और मेरा,
अमर हो देश का कल का सवेरा,
कि वह कश्मीर, नेपाल और गोवा,
कि साक्षी वह जवाहर, यह विनोबा
प्रलय की आह युग है, वाह तुम हो,
ज़रा से किन्तु लापरवाह तुम हो !-
उस की हर बात हर जिद्द हर हां मान ली बिना सोचे ,
इस कदर मैं बेपरवाह लापरवाह बेहिसाब बेवफा हुआ।-
जईफ वादे सुस्त इरादे, गुजरते वक़्त ने मुझपर बहुत चाप काटे है
ग़ाफ़िल मन टूटे जतन, को हमने भी जाबित काम सरेआम बाटें है-
वो लापरवाह बेहिसाब हैं
जिन से कद्र पाना बस ख़्वाब है
ना समय न जज्बातो की गिनती है
यहां तो नज़रे इनायत पाने को भी
देने होंगे जितने भी कमाए सवाब है-
"मुझ में मेरा बचपन आज भी ज़िंदा है।
ज़िंदा हैं वो सारी शरारतें आज भी ।
जो मुझ को ज़िंदा रखतीं हैं।
मुझ में मेरे बचपन वाली।
निश्छलता और कोमलता आज भी जिंदा है।
जो मुझ को थोड़ा लापरवाह सा रखतीं हैं।
सुख मिला नहीं उन बातों में ।
जो मुझको बड़ा बनाती हैं।
ज़िंदा रखा उन बचकानी सी बातों ने
जो सबको बेवजह ही हंसा जाती हैं।"
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"ज़िन्दगी की उलझनों में यूँ खो गए
वक्त ख़ुद के लिए भी ना निकाल पाए
और लापरवाही के लिए मशहूर हो गए"-
नजरों को बना के गवाह ✍️✨नज़र, खुदा और हम✨✍️
खुदा ने हमसे पूछा।
"क्या याद तुम्हें कोई है,
यहाँ कोई तुम सा दूजा?" ...✍️✨ (१)
हम अपनी कर परवाह
खुदा से हमने जूझा।
"आप रहते हैं हरदम
साथ तभी न तुमको पूजा" ...✍️✨(२)
नज्मों में देख गुनाह,
खुदा ने फिर से पूछा।
"अफसोस है मेरे वत्स!
शर्म कर, तुझे क्यों ऐसा सूझा?" ...✍️✨(३)
देख खुद को ही लापरवाह
बताना हमने चाहा।
लफ्ज़ों में समाहित दर्द
दिखाना हमने चाहा। ...✍️✨(४)
तभी चरणों में दे के पनाह
खुदा ने गलतियाँ बख्शा।
कर पाप क्षमा मंजिल का
दिखाया उन्होंने नक्शा। ...✍️✨(५)
खुशियों की भी थी बड़ी चाह
तभी क्या आफत आया।
तबस्सुम जो थी मुखडे़ पे
पहले वह उसे उड़ाया। ...✍️✨(६)
बड़े दिनों में दिखी नई राह
मुसाफिर मैं जो ठहरा।
मंजिल से मैं अनभिज्ञ बनाया
कई रिश्ता सुनहरा। ...✍️✨(७)-
कोई पूछे मेरा किस्सा तो अफवाह बता जाना
नाम ना बताना मेरा, बस खामखाह बता जाना
बता देना की परवाह करने में था बेमिसाल
नफरत की हद पूछे तो बेपनाह बता जाना
सफर में भटकी हुई कोई राह बता जाना
पता ना बताना मेरा बस गुमराह बता जाना
बता देना की तारीफें करने में था हुनरबाज़
नापसंद आदत पूछे तो लापरवाह बता जाना
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