ये तो ज़रूरतों का कारोबार हुआ था,
और हमको लगा कि प्यार हुआ था।
दफ़न हुई दिलो जज़बात की सब बातें,
नक़ाबे इश्क़ लगा सिर्फ़ व्यापार हुआ था।-
ढूंढ ले पहले ख़ुद को फ़िर अल्फ़ाज़ो में ढालते ... read more
ये तो बस ज़रूरतों का व्यापार हुआ था,
और हमको लगा कि प्यार हुआ था।
दफ़न हुई दिलो जज़बात की बातें,
नक़ाबे इश्क़ में जिस्म का तलबगार हुआ था।-
समझ नहीं पाई तेरी बेरुखी का राज
क्यों बदले बदले से हैं तेरे ये अंदाज
फिर खोजने लगी मैं खामियां खुद में
याद ही न आया कि तू है मर्द धोखेबाज़-
ग़ैर था साया पर फ़िर भी ग़म न था
तवज्जो के बदले जान भी ले जाता
नींद छिन गया इससे बड़ा गम न था-
किस किस से आंसुओं का हिसाब करेंगे
किसको यहां छोड़ेंगे और किसे माफ़ करेंगे
गुनाहगार हम ही है तो अब इंसाफ करेंगे
ख़त्म कर हर तमन्ना इरादे पाक करेंगे और-
जो हासिल है उसकी तो कद्र नहीं,
जो ना हासिल उसकी तलाश क्यों है।
हर एक ख़्वाब अगर हकीकत होता
तो नाम फिर उसका ख़्वाब क्यों है।-
अब चलकर पता ये चल ही जायेगा
ये अंधेरा बढ़ेगा या छट ही जायेगा।
ये रास्ता नया और बड़ा ही निराला है
पिया जो अब सदगुरू का प्याला है।-
अपनी खामियों को
खूबियों बदलना है।
गिरना नहीं अब तो
सिर्फ़ सम्हलना है।
करेंगे कोशिश वो भी
साथ आने की
जो कह चुके थे
तेरे साथ नहीं चलना है-
अपनी खामियों को खूबियों बदलना है
गिरना नहीं अब तो सिर्फ़ सम्हलना है
करेंगे कोशिश वो भी साथ आने की
जो कह चुके थे तेरे साथ नहीं चलना है-
गहरे ही रहे ज़ख्म,भरने को वक़्त चाहिए था
तुम न हासिल थे,समझने को वक़्त चाहिए था
नादान परिंदे सा दिल, छटपटाना ही जानता था
पंख तबाह कर जाना, उड़ने को संयम चाहिए था-