I camouflage myself according to
your mood and choices.
After all my efforts,
I found myself discolored.-
ढूंढ ले पहले ख़ुद को फ़िर अल्फ़ाज़ो में ढालते ... read more
आज क़रीब से जो तुम मेरे गुज़र गए
क्यों लगा कि अब हम ही गुज़र गए
धड़कने भी बेवजह शोर मचाने लगी
अभी जिंदा हूं मैं, मुझे ही बताने लगी
जब लगा तेरे ख्यालों से हम उभर गए
तुझे सामने पा कर फ़िर क्यों बिखर गए-
हर दिन एक नई कहानी है,
कभी तेरी तो कभी मेरी ज़ुबानी है
कभी बदबू आती है इस क़िरदार से
तो कभी इसकी ख़ुशबू रूहानी है
-
बैसाखियों के सहारे तो नहीं कटेगी
इश्क़ की ये कसक तो नहीं मिटेगी
रूह के सुकून की बात है छलावा
बोलो जिस्म की ये भूख कैसे मिटेगी-
अब मौन ही करेगा सारी बातें
इन शब्दों में तक़रार बहुत हैं
तुमको थोड़ा भी समझा ना पाऊं
पर दिल को तुझसे प्यार बहुत है
-
जान लेने के इस दौर में
वह हमें जिंदा छोड़ गए
अब इससे ज्यादा इश्क़ की
क्या उम्मीद करें हम उनसे-
उसका ज़हन तो बिल्कुल स्लेट सा था
जो नई इबारत लिखता और मिटाता था
और हम अपने ज़हन को क्या करे बोलो
जहां हर लफ्ज़ छैनी से उकेरा जाता था-
वो जो चुरा सकते थे चुरा गए
जो रुला सकते थे हमें रुला गए
औक़ात न थी ज़्यादा की उनकी
तभी तो हम भी उनको भुला गए-
"Oversensitivity is a curse
because you feel the pain
that is not yours,
others' pain and sorrow
bother you with the same
intensity .-
कोई दस्तक पहुंच नहीं पाती
हर बार उम्मीदें बिखर जाती
उनको हमारी याद न सताती-