~लम्हों सी ज़िंदगी~
वक़्त की शाख़ से एक लम्हा चुरा लें
बिख़रे से लम्हो को फ़िर से सजा लें।
कुछ पलों में से कुछ पल चुनकर
रूठे हुए पलों को फ़िर से मना लें॥
न जाने वो कितना मशरूफ़ है आजकल…
चलो आज ख़्वाबों में ही मुलाक़ात कर लें!!
कब तक यूँ ही रहें बंदिशों के मोहताज!?
वक़्त की क़ैद से आज अपनी ज़िन्दगी चुरा लें!!-
बेफिकर चल पड़ो तुम
जिंदगी को जीते हुए उसके
लम्हों की कद्र करो तुम
बड़ों में उलझकर रहोगे
तो वो बोझिल बन जाएगी
छोटी उम्मीदों के प्रयास से
पूर्ण बनाने की ओर बढ़ो तुम
जया सिंह 🌺
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उठ आये है हम,
उनकी महफिलों से!!
ना जाने क्या कुफ्र कर आये हैं,
दिल की बात पर,
बस इस दिल को ही छोड़ आये हैं!!!-
सिमट गई मेरी मुहब्बत चंद लम्हों में
मैं कभी कह ना सका, और वो कभी समझ ना पाई-
बीते लम्हों मे
बहुत से लम्हे बहुत खूबसूरत थे
पर वो थे
अब जीवन पथ पर
आने वाले हर लम्हो को
खूबसूरत बनाना है
अब के बरस
यूँही-
जिस महफ़िल ने ठुकराया हमको
क्यूँ उस महफ़िल को याद करे ,
आंगे लम्हें बुला रहे है आओ
उनके साथ चले।
❤️❤️-
कह दिए हमने दिल के सभी अल्फ़ाज़ उनसे,
दबे हुए सारे दफन दिल के राज उनसे।
मिलने की आरज़ू अब खो गयी है कही,
पर एक झलक पाने की अरमान है उनके।।-
तुम बातो से नही आखों से सवाल करते हो
यार तुम भी कमाल करते हो।
बन कर मेरी प्रेम कहानी
साथ चलना ooo... प्रेम दीवानी
कितना मासूम दिल है ये मेरा.....।
इबादद में शामों सुबह बस तुझको ही मागता हू
खव्बो खयालों कसमों में वादों में तेरा नाम लिखा हू
आ जाओ... कर दो इकरार..
करता रहता हू हर वक्त बस तेरा ही इंतजार...।
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