लमहो मे लम्हें, ये लम्हो मे क्या था
ये लम्हें भी गुजरे, जिन लम्हो मे समा था
वो लम्हें भी गुजरे, जिन लम्हो मे ना था ।
पर लम्हो की हक़ीक़त, सिर्फ लम्हा ही सुनाए
जो लम्हें नहीं तो, क्यूँ कोई याद आये ।
लम्हें ही हैं, लम्हो से ही है
मेरी कहानी, सिर्फ लम्हो मे ही है।
जब कोई बुलाये, तो लम्हा ही सुनाए
सुन लूँ मैं जो, यह लम्हा ही गुनगुनाये।
लम्हें ही रहँगे, लम्हो मे सबके
जो फीसले ये लम्हें, लम्हो मे दबके।
क्या उन लम्हो मे थे, जिन लम्हो मे हम
होते अगर, तो लम्हा भी होता, और उन लम्हो मे तुम।
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