गाली
हिंदी ज्ञान
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घर-परिवार का मान रखकर
वो किसी और संग विदा हुई
तो तुमने उसे रंडी कहा
तुम्हारे तरह उसने कभी-कभार
हंसी-मजाक क्या कर लिया
तुमने उसे गंदी कहा
तुम्हारे प्रेम में पड़कर उसने
पार्कों में तुम्हें देह सौंपा तो
तुमने मेरी बंदी कहा-
ना तो वह रंडी है, ना ही किसी की बंदी है.!
उसने खुलकर चार बातें क्या कर ली,
बस इतनी सी बात के लिए वो गन्दी है.!!-
एक औरत को रंडी बनाना आसान है,
लेकिन..
एक रंडी को औरत बनाना बहुत मुश्किल है।-
कैसे हुआ तू पाक साफ तूने भी तो जी भर के मुझे छुआ था,
बेशक सिर्फ एक दिन एक रात थी वो पर तू मेरा भी तो हुआ था,
मुझे रंडी कहने वाले बेशक कह लें हां कुछ पल को बाजार में जाकर बैठी थी मैं ,
पर भूल मत उस खरीदारों की मंडी में तू भी तो खड़ा हुआ था।।-
/रंडी/
ढोती औरों की हवस को खुद के जिस्म पर,
है तुम्हारे लिए गंदी सी,
मगर मेरे लिए सम्मान की मूरत वो औरत 'रंडी' सी,
जो मर चुकी जाने कबसे ही
रहती हज़ारो की छुअन वाले जिस्म में बंद कैदी सी
है तुम्हारे लिए गन्दी सी
मगर मेरे लिए आंखों में उदासी और मन मे उम्मीद लिए 'रंडी' सी,
बेहिस ये ज़माना देखो कोसता उन्हें है जिनके यहां अक्सर
समाज के ये चरित्रवान है लोग जाते,
वो तो बेखौफ सी,सत्य सी,अपने पाक कर्म को कबुलती
मगर ये बस अंधेरों में मुह छुपाये उनके पास आते।
उसकी मजबूरी को बना गाली कोसते ये,
बड़ी अदब से अपने जिस्म की वो गंदी भूख छिपाते है,
जो हार जाये किसी औरत के सामने तो उसे भी रंडी बुलाते है।
हैं वो अच्छी सी शायद इसलिए रंडी नाम देते है,
जो होती बुरी सी तो फिर काहे खुद को भी ये "रंडी" मानते है।-
रंडी
बेहद खूबसूरत जिस्म लिए,रूह की तो बंदी हूँ मैं,
हर रोज़ नई बोली नए बाज़ारों में,साहब रंडी हूँ मैं..
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