भारत के चौराहे अब भी गुलाम नज़र आते हैं
नन्हें हाथों में तिरंगे आज भी बिकते नज़र आते हैं-
अभिषेक
(Abhibeardo)
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#बंगलुरु🏢_ बिहार 🏡
🎂~ 1st November
#सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर लिखता हूँ कोर से
#बड़े शब्द... read more
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Joined 19 December 2017
15 AUG AT 13:35
4 SEP 2022 AT 22:15
दिन में उजाले में
वो अछूत मानी जाती थी
और चांद के निकलते ही
जिस्म को चूमा जाता था
शायद बिस्तर नहीं मानते
जात पात को साहेब।
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3 SEP 2022 AT 11:17
पुरूषों ने बनाए आभूषण
और प्रदान कर दिया स्त्रियों को
ताकि वो दिख सके और सुंदर
पर समाज ने बनाए उस पर कुछ नियम
ताकि वो बांध सकें स्त्रियों को
तभी अगर होती परीक्षा "कूटनीति शास्त्र" की
तो "समाज" को मिलती हमेशा उसमें डिस्टिंक्शन-