QUOTES ON #मज़हब

#मज़हब quotes

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10 AUG 2018 AT 10:35

वादा करो कि कभी एक साथ नहीं रूठना
मैं रूठ जाऊ, तो फिर तुम ना रूठना,

इश्क़ में आएंगे तूफान हिज्र के
नाजुक पलों में साथ ना छोड़ना

तन्हाईयाँ घेर लेती है,पाकर अकेला मुझे
मुझे एक पल भी तुम अकेला ना छोड़ना

डालेगें बेड़ियां मजहब की ये दुनिया वाले
हम परिंदे इश्क़ के,हमे क़बीला ना देखना

वफ़ा रही प्यार में तो शहर-ए-इश्क़ मिल जाएगा
तसर्रूफ़ात की दुनिया से हमे पता ना पूछना

मोहब्बत दिल मे रहे, दिमाग़ को पागल ना करे
लेकर कच्चा घड़ा,पानी में ना कूदना

टूट जाऊँगा कांच सा,साथ जो छोड़ दिया
इश्क़ के मारो में "मुनीश"का नाम ना जोड़ना

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29 JAN 2018 AT 23:51

वो कहा करती थी ,
मज़हब कभी बीच नहीं आएगा हमारे !

( पूरा लेखन अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 । )

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3 JAN 2018 AT 12:02

'ख़ाक' लड़ रहे लोग सब, पूछ पूछ कर ज़ात
राम , ख़ुदा हैरान हैं, नाज़ुक हैं हालात।।

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14 DEC 2018 AT 9:28

......

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16 MAR 2019 AT 9:29

मारता नहीं मज़हब, न मज़हब मरता है
रोता है इंसान ही, इंसान जब मरता है

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3 MAY 2018 AT 15:05

आज़ादी का मतलब क्या
आज़ादी का मज़हब क्या?
अपनी मर्जी का गुलाम जो
उसे आज़ादी से मतलब क्या?

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28 JUL 2017 AT 18:39

देखकर अपना हाल मज़हबी लड़ाई में;
ज़मीं ने आसमां को सर पे उठा रखा है।

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14 JAN 2022 AT 23:44

एक ईश्वर मानने वाले धर्मों की अपेक्षा अनेक देवता मानने वाले धर्म हज़ार गुना उदार रहे हैं। उनके ईश्वरों की संख्या अपरिमित होने से औरों का भी समावेश आसानी से हो सकता था किंतु एक ईश्वरवादी वैसे करके अपने अकेले ईश्वर की हस्ती को ख़तरे में नहीं डाल सकते थे।

आप दुनिया के एक ईश्वरवादी धर्मों के पिछले दो हज़ार वर्षों के इतिहास को देख डालिए, मालूम होगा कि वह सभ्यता, कला, विद्या, विचार-स्वातन्त्र्य और स्वयं मनुष्यों के प्राणों के सबसे बड़े दुश्मन रहे हैं।

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16 MAY 2017 AT 15:57

इश्क़ हमारा ज़ुर्म की दास्तान हो गया

जब से रंग मेरा केसरिया
और हरा उसकी पहचान हो गया

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27 JUN 2020 AT 13:12

इन फ़ासलों की बेड़ियों में
एक दिन भी रहा जाता नहीं,
बता न..
मज़हब की बेड़ियों में
कैसे रख पाऊंगा खुद  को

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