तुम बिन ये एकाकी जीवन मौत की एक इकाई है । जनम जनम का बंधन है ये या जन्मों जन्मों की खाई है । धड़कन सांसे हर पल तुझको पुकारें तलब ऐसी की साँसों में बसा लू तुझे..... ओर क़िस्मत ऐसी की देखने को भी मोहताज़ हूँ मैं.. लफ्ज़ कम हैं ......और तुम से मोहब्बत ज्यादा....!!