Dr. Rupali   (Dr. Rupali)
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-श्रीरुप (My old pen name)
Joined 20 July 2017


-श्रीरुप (My old pen name)
Joined 20 July 2017
16 JUN AT 23:36

जानती थी यह की फंस रहीं हैं वह
फिर भी जानकर भी अनजान थी
कुछ भी ना हासिल समझती थी वह
न जाने किस बात की तलाश थी

दुनियादारी से अच्छे से वाकिफ थी वह
न जाने किस मंज़र की उसे होड़ थी
ज़माने को क़रीब से देख चुकी थी वह
न जाने किस रंग की कसक बाकी थी
- ©® Dr. Rupali

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9 JUN AT 20:04

कम बोला कर प्यारी
सब कहते रहे, न मानी
किसीकी भी ना सुनी
फिर कोई मिला ऐसा
जो मौन का पाठ पढ़ा गया
सीख रही हैं अब वो
पहले से भी अधिक
मन को टटोलना
शांत अंतर्मुखी होना
अंतस् से आभार उसका। 😌🙏🏻

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4 JUN AT 2:17

कांटों से भी ज्यादा नुकीली, चुभती है किसीकी ख़ामोशी
©®Dr. Rupali ( ✍🏻 श्रीरुप )

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4 JUN AT 2:11

यूं तो ख़ामोशी का आलम हमें भी बेहद पसंद हैं
लेकिन किसी का ख़ामोश होना, रहना कतई नहीं
जो बातों में माहिर हैं, दिल खोलकर जो रख देते हैं
उन पर तो ख़ामोशी बिल्कुल भी जंँचती ही नहीं
- Dr. Rupali ( ✍🏻श्रीरुप )

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4 JUN AT 1:46

बिन कुछ कहें ही कहती हैं यह कितनी सारी बातें
ख़ामोशी की जुबां की गवाह होती है लंबी सी रातें

कोई न तोड़ पाया उनकी चुप्पी को ओ यारा
उनसे बात छेड़ने की जुर्रत न हो अब दोबारा

यूं तो उनकी हर बात होती है सर आँखों पर
उनकी ख़ामोशी के आगे हारे हुए से हैं मगर

लफ़्ज़ों से भी परे होती है ख़ामोशी की दास्तान
हर कसक हर हाल जो करती है बखूबी से बयान

उनके मौन से निशब्द मन भी हुआ भरा भरा सा
उनसे तखलिया अपनाना सीख रहा जरा जरा सा
- ©® Dr. Rupali ( ✍🏻 श्रीरुप )










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2 JUN AT 1:19

Love is colourless
That's the way it should be
Love is ageless
The beauty of which never fade
Love is boundless
Only lovers know it's pace
Love is nothing but sweetness
Once tasted it's lifetime same

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26 MAY AT 15:35

जंगलाला असतात सामावणारे हात
वृक्षशाखा फांद्या जणू पसरलेले हात
पंचमहाभूतांना बाहुपाशात कवेत घेणारे
आधारस्तंभ असणारे बहुपयोगी हात

जंगलाला असतात फडफडणारे पंख
रंगबिरंगी पाखरांचे थवे भरारी पंख
वन परिसरात मुक्तपणे विहार करणारे
चैतन्य शक्तीने गरुडझेप घेणारे पंख

जंगलाला असतात अनिमिष लोचन
पाना फुलांनी सजलेले सुंदर आनन
नैसर्गिक सौंदर्याने नटून थटून खुलणारे
आकर्षक ओढाळ अरण्य रान कानन

जंगलाला असते अथांग आभाळमाया
वृक्षराजींना जतन करणारी रंगीत काया
पशू पक्षांना अंगाखांद्यावर खेळवणारी
अभयदायी प्रेमाची सावली वात्सल्य छाया

जंगलाला असतो आवाज साद प्रतिसाद
किलबिल कलरव शीळ नादमय सुरसाज
गर्द वनराईशी हितगुज संवाद साधणारा
अपार शांतीचा ध्यानमग्न मौन अंतर्नाद

जंगलाला असतात मातकट पाय
अनवट पाऊलवाटांनी गेलात काय?
सृष्टीचं अगाध अगम्य गूढ उलगडणारे
पाऊलखुणा शोधणारे चोखंदळ पाय
- ©® डॉ‌. रुपाली ( ✍🏻 श्रीरुप )






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14 MAY AT 22:03

तेरी मौजूदगी का यूंँ एहसास होता है
हर लम्हा हर पल तू महसूस होता है

आँखों में सजता हुआ सुनहरा ख्वाब
हर सपना मेरा तुझसे ही जुड़ा होता है

रोजमर्रा की भीड़-भाड़ में रहूंँ मसरूफ़
पर मेरी ज़हन में तेरा ही ख़्याल होता है

आते जाते हंसते गाते तू ही मेरे साथ
तुमसे ही हर-रोज़ सांझ सवेरा होता है

नस-नस में बहता तू लहू बनकर
जीना मेरा तवानाई से भरा होता है

तेरी ख़ूशबू से महकती हर एक सांस
मेरे ज़िंदा होने का तू ही सबूत होता है
- ©® Dr‌. Rupali

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17 APR AT 10:52

🙏🏻🪔🪷श्रीस्वामी समर्थ🪷🪔🙏🏻
"स्वानुभवाचा गुरुवार"
कृपया अनुशीर्षक मध्ये वाचा...
- ©® Dr. Rupali ( श्रीरुप )

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16 APR AT 14:17

स्वत:ची नीट काळजी घ्या... स्वस्थ रहा... मस्त रहा... आवाजाला जपा आणि सशक्त करा... जागतिक ध्वनी दिवसनिमित्त सर्वांना सुरमयी नादमधुर शुभेच्छा! 🎤🎙️
- ©® डॉ. रुपाली धात्रक (श्रीरुप)

कृपया अनुशीर्षक मध्ये वाचा. [ Read in caption please. ]

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