QUOTES ON #मेघ

#मेघ quotes

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13 JUN 2019 AT 18:13

तप्त उर की वेदना ने
आर्द्र स्वर में है पुकारा
नभ के आँगन में पधारो
मेघ तुम लेकर फुहार

कह रही पीपर की डारी
कोकिला की कूँक प्यारी
सुप्ति से अत्यंत सिधारो
मेघ तुम लेकर फुहार

मृत्तिका की कोख सूनी
बीज मृत, मूर्छित है भूमि
करुण नयन से अब निहारो
मेघ तुम लेकर फुहार

शुष्क पड़ते नद-सरस को
व्याकुला को अब दरस दो
बूंद निर्झर-सा निसारो
मेघ तुम लेकर फुहार

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11 MAR 2019 AT 12:25

दुग्ध श्वेत तुहीन चादर पर
स्वर्णिम सूर्य किरण सी तुम
नभ आच्छादित मेघ में बसी
स्वच्छ निर्मल बिन्दु सी तुम
लक्ष लक्ष तारामंडल से
उच्छ्वसित प्रकाश हो तुम
तुम पर निर्भर परिक्रमा-
धरा की; वो धुरी हो तुम

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21 FEB 2020 AT 13:24

प्रेम
एक सिक्का हैं,
संयोग और वियोग इसके दो पहलू,
संयोग मानुष की कल्पना,
वियोग प्रेम का सच।।

सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में आपका स्नेहकांक्षी रहूँगा।

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20 NOV 2021 AT 22:12

हर शक्स है मोहब्बत का प्यासा अहल-ए-जहां में
इक अब्र का टुकड़ा है----- अब कहां कहां बरसे।

ہر شخص ہے محبت کا پیاسا اہل جہاں میں،
اک ابر کا ٹکڑا ہے ------ اب کہاں کہاں برسے!

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20 JAN 2019 AT 15:41

लौटते मेघ
सूखा रहा आँगन~
भीगे नयन

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7 JAN 2020 AT 8:41

प्रेम,
जिसको छुपाया नही जा सकता,
ये प्रेमी और प्रेमिका में दिख जाता है।

नदी जो करती है प्रेम समुंदर से,
आलिंगन से पूर्व ,
आवाज कर प्रेम जताती है।

मेघ जो करते है प्रेम जमीन से,
वो भी गर्जना कर,
अपने प्रेम को जताते है।

ऐसी आवाज के प्रति प्रतीक्षारत हूं,
सुनो,
मौन की चुप्पी तोड़ जताओगे न!!!!

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30 JUL 2017 AT 15:23

बरसने दे ये मेघ...
बरसने दे ये बदरा....
तुम या तुम्हारी दुनिया न रोक सकेगी ये सैलाब...
हमदर्दी के हजारों बांधों मे वह काबीलियत कहाँ....
बहाकर ले जा ये मायूसी के घरोंदे...
उडा तू दे जा निराशा की ये फसलें..
डूबा दे ये कडवी यादें तू आब ए चश्म मे...
तोड दे ये गिले-शिकवे की जमीर को चुभती बेडियां..
पर बचा लेना तू अपने वजूद को...
जुदाई न हो तेरे जमीर की तुझसे...
क्योंकि कयामत के बाद ही होता है नया आगाज...
ये वसीयत तो सदियों से चली है....
शर्मसार हो जाएंगे ये बादल..
छुपा लेंगी अपना रुख ये बिजलियाँ...
देखा न होगा किसीने ऐसा सैलाब उमड़ा
जो हो बरबादी से आबादी तलक के
सफर का चश्मदीद गवाह...
बरसने दे ये मेघ...
बरसने दे ये बदरा....

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6 NOV 2017 AT 12:09

थामा था मैंने वो हाथ, तुम्हारे इश्क में वेग बनकर।
निकली तुम मुझसे कहीं आगे, ज्यादा तेज बनकर।
दफन जो था गम-ए-मोहब्बत मेरे सीने में सालों से,
सुनाया दास्तां तो वो बादल भी रो दिया मेघ बनकर।

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29 SEP 2019 AT 0:02

ये मेघो की बारिश
प्रेमियों को संयोग की आग में जलाती है।

...................................…....................
विरह में,

मेघों की बारिश
प्रेमियों के आंसुओं को दर्शाती हैं।

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12 MAR 2017 AT 2:32

मेघ है
मल्हार है
इस दिल को करना
आज इक़रार है

हाथ में लेके बैठे हैं चाय का प्याला
बस एक अदद हमप्याले का इंतज़ार है
- साकेत गर्ग

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