प्रेम,
जिसको छुपाया नही जा सकता,
ये प्रेमी और प्रेमिका में दिख जाता है।
नदी जो करती है प्रेम समुंदर से,
आलिंगन से पूर्व ,
आवाज कर प्रेम जताती है।
मेघ जो करते है प्रेम जमीन से,
वो भी गर्जना कर,
अपने प्रेम को जताते है।
ऐसी आवाज के प्रति प्रतीक्षारत हूं,
सुनो,
मौन की चुप्पी तोड़ जताओगे न!!!!
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