चारों ओर खुसुर-फुसुर,
न जाने कौन सा सच !
छुपाना चाहते हैं लोग,
कौन सा तिलिस्म छुपा है?
लोगों की सीनों में!
कौन सी ऐसी बात है?
जो खाये जा रही है ,
इंसान को पूरी इंसानियत को,
मूकदर्शक सा निहारता!
"स्वतंत्र"
अपने आप से एक प्रश्न,
पूछता हूँ,
वो कौन सा ऐसा सच है?
जो हर आमो खास को बेचैन,
किये हुए है???
सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
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