कुछ पत्रकार शहेर गलियों में आते है..!
पूछते कुछ सवाल देश की जनता से..!!
फिर उस न्यूज़ को कुछ इस तरह से दिखते है..!!
हम उन खबरों को देखकर सब समझ जाते है..!!
हमारे पत्रकार हमें किस तरह भड़काते है..!
होती है उनसे भी बहुत सी गलतियां..!!
फिर भी हम चुप कर जाते हैं..!
शुरू हो जाती जब उल्टी गिनती..!!
तब वो माफी मांगने आते है..!
आइना कहते हम पत्रकारों को..!!
हम ही उन्हें आइना दिखाते है..!
ना बतलाओ ऐसी खबरे जनता को..!!
जो हिंदु मुस्लिम का बीज बो जाते है..!
इन बातों से नफरतें फैलती है..!
ये भोली देश की जनता है ..!
क्यूं आप इन्हें इस तरह से लड़ाते है..!!
_📝Razi
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इस अद्भुत एवं अलौकिक सामाचार को सुनकर
तीनों लोकों में जबरदस्त हर्ष व्याप्त हुआ है।
समस्त नर-नारी, सुर-असुर, देवी-देवता, किन्नर, गन्धर्व व तुच्छ अंधभक्त अति प्रसन्न होकर नाच रहे हैं।
समस्त ब्रह्माण्ड में खुशी के गीत गाए जा रहे हैं।
दशों दिशाओं में दिव्य ज्योति प्रजलवित हुई है।
इसी प्रकार समस्त संसार के हितों के लिए
ऐसे अद्भुत समाचार देते रहें,
नोट- तीनों लोक आपके इस तुच्छ कार्य के लिए सदैव ऋणी रहेंगे। धन्यवाद!👏-
गरीब बच्चों व शिक्षण संस्थानों के लिए पैसा नहीं है,
किन्तु विधायक खरीदने पर करोड़ों रुपया खर्च करने को ही चाटुकारिता के शब्दकोश में चाणक्य नीति कहा जा रहा है।
😂😂👏-
चन्दचुतियो पत्रकारों के लिये----
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ये वक़्त बहुत कठिन है। भयावहता बढ़ने वाली है।
सरकार की वाह वाही करने वाली भयावहता पर पर्दा मत डालिये ।
पहले भी सरकार की तैयारी नाकाफ़ी थी,
और अगर अभी भी हमने थोड़े से राहत में ज्यादा ताली पिट दी ,
तो कहीं बहुत देर न हो जाए जागने और जगाने में।
ये वो समय है जब किसी भी कीमत पे सरकार को जनता के साथ खड़ा होना है।
इस आपदा के समय दिल पे पत्थर रख सभी लोग मंदिर जाना छोड़ दिया,
भगवान तक की पूजा बंद है।👇👇👇👇
कुछ दिन क्या आप सत्ता के प्रति अपनी श्रद्धा निलम्बित नहीं रख सकते?
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सभी जगह इस बार रावण का पुतला
नहीं जलाया जा रहा हैं
पर सबके अंदर कुछ न कुछ
जरूर जल रहा हैं
कृपया इसे धार्मिक रंग न दे
इसे देशभक्ति का रंग दे
क्योंकि वास्तविक समस्या धर्म नहीं हैं
बल्कि उनके नाम पर बढ़ाने और
भड़काने वाले तत्व हैं
अगर इन तत्वों को चून चून कर
खत्म कर दे
तो इन बढ़े और भटके लोगों को
कोई आश्रय नहीं मिलेगा
और जिस दिन ऐसा हो गया
वो दिन देश के लिए सच में
विजयादशमी होंगी-
किसान, है तो परेशान
मुफ्त की कोई चीज बाज़ार में नहीं मिलती
किसान के कर्ज़ ओर मौत की खबर सुर्खियों में नहीं मिलती
भुगतान करने की कोई खबर कुछ कहीं नहीं आती
ट्रैक्टर ट्रॉली- हल सब लेकर उतर जाए सड़कों पर
तो सफेदपोशों को ये बात रास नहीं आती
ओर न्यूज चैनल्स पर तो ये फटाफट 100 में भी नहीं आती क्यूंकि इनसे शायद टीआरपी नहीं आती।
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हमारे देश का मीडिया,
रोज चढ़े गर्त की नई नई सीढ़ियां।
ये राम को रहीम से लड़ाते है,
दिनभर साम्प्रदायिकता फैलाते हैं ।।
फेक न्यूज़ फैलाता ये मीडिया,
क्या सीखेंगी आने वाली पीढ़ियां।
Ac रूम में बैठकर लोगो को डराते है और कहते हैं
चलिए आप को ग्राउंड रिपोर्ट दिखाते है।-
हाल ए मीडिया भारत में कुछ हो गया है ऐसा साहब
17 दिन बाद टीआरपी के लिए पिटाई को रेप बना देते हैं
मिले गर पैसा अच्छा तो दुश्मन के भी गीत गा देते हैं
गर्मी से बेहोश लड़के को भी नशे में धुत्त बता देते हैं
बाप से मुँह छुपाती लड़की गर्मी से परेशान दिखा देते हैं।
दीपिका ,अनुष्का हुई प्रेग्नेंट राष्ट्रीय न्यूज़ बना देते हैं
न्यायालय चाहे निर्दोष कर दे साबित किसी मुजरिम को
उससे पहले ही ये व्यक्ति को चरित्र हनन की सजा देते हैं
कोई न चाहे मरना उसे मरने के लिए मजबूर बना देते हैं
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मीडिया ने कौन सा है नशा किया,
कि सुबह शाम ड्रैगन जपे, जपे दिन-रात रिया।
मीडिया ने तो सरकार से नही पूछा की उन्होंने जीडीपी को दो अंको में कैसे है किया,
लेकिन सरकार ने इसका श्रेय भी खुद नही लिया,
और कहा कि ये सब है भगवान का किया।
लग रहा है किसी की गोदी में सो रही है मीडिया।
अब अपनी पुरानी पहचान खो रही है मीडिया।
अब तो जिसकी हो सरकार उसी की हो रही है मीडिया।
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पहले सोशल मीडिया के सच को जानने के लिए
मीडिया को हम देखते थे
आज मीडिया के सच को जाने के लिए सोशल मीडिया को देखते हैं
#प्रेस दिवस 🧐🤔🙄-